उत्तर प्रदेश क्राइम पूर्वांचल लेटेस्ट न्यूज़ वाराणसी

एनकाउंटर में मारा गया शूटर गिरधारी, जरायम की दुनिया का था ‘इकलौता’ डॉक्टर

वाराणसी। HBCNews.in

लखनऊ पुलिस ने राजधानी में हुए अजीत सिंह हत्याकांड में शामिल रहे मुख्य आरोपी शूटर गिरधारी विश्वकर्मा को विभूति खंड में एनकाउंटर में मार गिराया है। पुलिस की हिरासत से भागने की कोशिश के दौरान गिरधारी सोमवार सुबह मारा गया।

मालूम हो कि गिरधारी ने एनकाउंटर से बचाने के लिए ही दिल्ली में आत्मसमर्पण किया था और अब ‘विकास दुबे’ स्टाइल में ही पुलिस द्वारा उसका एनकाउंटर किया गया। दिल्ली में सरेंडर के बाद पुलिस गिरधारी को लखनऊ ले आई थी। कोर्ट से इजाजत के बाद गिरधारी 13 से 16 फरवरी तक के लिए पुलिस की कस्टडी रिमांड पर था।

यह भी पढ़ें: पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के साथ सेक्स मेरी जिंदगी के सबसे खराब 90 सेकेंड

‘विकास दुबे’ की तरह एसआई की पिस्टल छिनी और भागने लगा:

मिल रही जानकारी के अनुसार रविवार रात पुलिस अजीत सिंह की हत्या में इस्तेमाल हथियारों की बरामदगी के लिए शूटर गिरधारी को विभूति खंड लेकर गई थी। इसी दौरान गिरधारी ने गाड़ी से उतरने के दौरान भागने की कोशिश की। उसने सब इंस्पेक्टर अख्तर उस्मानी की पिस्टल छीन ली और भागने लगा। इसके बाद पुलिस ने उसका पीछा किया और सरेंडर करने को कहा। इसके बाद गिरधारी फायरिंग करने लगा और फिर पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया। गोली लगने के बाद गिरधारी को पास में लोहिया अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

यह भी पढ़ें: गंदी बात एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ ने बना लिए 87 पॉर्न वीडियो, वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद मुंबई में गिरफ्तार

लखनऊ में अजीत सिंह हत्याकांड में था मुख्य आरोपी:

2021 के शुरुआती माह जनवरी में ही मऊ जिले के ब्लॉतक प्रमुख प्रतिनिधि और हिस्ट्री शीटर अजीत सिंह की राजधानी लखनऊ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अजीत सिंह आजमगढ़ जिले के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू हत्यादकांड में गवाह था। अजीत सिंह की हत्या विभूति खंड के कठौता चौराहे पर की गई थी। इसके बाद से पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है।

यह भी पढ़ें: ‘सिद्धि हेट्स शिवा’पोस्टर का यह है राज! पढ़ें वेलेंटाइन से पूर्व पूरे शहर में लगे होर्डिंग की कहानी

जरायम की दुनिया का डॉक्टर था गिरधारी:

गिरधारी को यह पता रहता था कि शरीर के किस हिस्से में गोली मारने से टारगेट की तुरंत जान चली जाती है। इसलिए उसे डॉक्टर शूटर भी कहा जाता था। इसी नाम के कारण राजनीति से जुड़े लोगों को मौत के घाट उतारने के लिए उसे हत्या की सुपारी दी जाती थी। उसने जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, वाराणसी, लखनऊ में अब तक जितने भी मर्डर किया वह सब राजनीति से जुड़े लोग थे।

यह भी पढ़ें: गोल करने के बाद निर्वस्त्र होकर होकर जश्न मनाने लगा ब्राजील का यह खिलाड़ी

गिरधारी के मौत से कई राजों पर हमेशा के लिए पर्दा:

गिरधारी के सरेंडर के बाद पिछले ही हफ्ते कोर्ट ने 12 फरवरी को उसे पुलिस की हिरासत में तीन दिनों के लिए सौंपने का आदेश दिया था। लेकिन आज सुबह हुए एनकाउंटर में शूटर गिरधारी के मौत से कई राजों पर से अब हमेशा के लिए पर्दा पड़ गया है जो कि कभी नहीं हटेगा। गिरधारी के मौत से कई माननीयों के चेहरे भी खिल उठे होंगे।

यह भी पढ़ें: BJP सांसद स्वामी ने सरकार से पूछा, पैंगोंग लेक से हम पीछे हटे, लेकिन चीन नहीं, क्यों?

वाराणसी के लखनपुर का निवासी था गिरधारी:

प्राप्त जानकारी के मुताबिक चोलापुर थाने के लखनपुर का मूल निवासी गिरधारी विश्वकर्मा साल 2001 से जरायम जगत में सक्रिय है। 2001 में गिरधारी के खिलाफ लूट का पहला मुकदमा दर्ज किया गया था। वर्ष 2000 तक गिरधारी चोलापुर क्षेत्र के ही एक सफेदपोश का शागिर्द था और छोटे-मोटे झगड़ों में उसका नाम सामने आता था। गिरधारी शक्ल से ही नहीं बल्कि दिमाग से भी बहुत शातिर किस्म का व्यक्ति था। वह पुलिस से बचने का तरीका बखूबी जानता था इसलिए वह प्रदेश में जिसकी भी सरकार रहती है, उसी दल के नेताओं से साठ-गांठ कर लेता था।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *