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संचारी रोग नियंत्रण अभियान में चला “दस्तक अभियान”

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत चलाया गया ‘दस्तक अभियान’

डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, टीबी, कुष्ठ आदि के लक्षणयुक्त मरीजों की हुई पहचान

जांच के लिए भेजे गए सभी सैंपल, रैपिड टेस्ट में मिले मलेरिया के दो मरीज

आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर भ्रमण कर जाना सेहत का हाल

वाराणसी। जनपद में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत 16 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान चलाया गया। इस अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में घर-घर भ्रमण कर संचारी रोग – डेंगू, मलेरिया, दिमागी बुखार आदि के साथ ही क्षय रोग (टीबी), कुष्ठ (लेप्रोसी), कालाजार एवं फाइलेरिया के लक्षणयुक्त व्यक्तियों को चिन्हित किया। साथ ही उन्हें जांच के लिए भी संदर्भित किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि इस अभियान में खोजे गए संचारी रोग के लक्षणयुक्त व्यक्तियों को जांच और उपचार के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों पर संदर्भित किया गया है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ली गयी सभी जानकारी ई- कवच पर अपलोड की गयी। आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ ने घर- घर जाकर समुदाय को डेंगू, मलेरिया, कालाजार, फाइलेरिया, आदि मच्छर जनित व संचारी रोगों से बचाव के लिए बेहतर व्यवहार को अपनाने के लिए जागरूक किया और यह प्रयास अब भी जारी है। उन्होंने कहा कि अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखें, जलजमाव न होने दें, जलजमाव वाले पात्रों को नष्ट कर दें, मच्छरदानी का प्रयोग करें और पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
वेक्टर बोर्न डिजीज कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एसएस कनौजिया ने बताया कि दस्तक अभियान में संचारी रोग – डेंगू, मलेरिया, दिमागी बुखार आदि के साथ ही क्षय रोग (टीबी) कुष्ठ (लेप्रोसी), कालाजार एवं फाइलेरिया के लक्षणयुक्त व्यक्तियों को भी चिन्हित किया गया। इसके तहत अब तक जनपद में आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा 6.91 लाख से अधिक घरों में सर्वेक्षण किया गया। इनमें बुखार, आई एल आई (इनफ्लुएंजा लाइक इलनेस) रोगियों, क्षय रोग, कुष्ठ रोग तथा फाइलेरिया एवं कालाजार के लक्षणयुक्त व्यक्तियों की सूची भी शामिल है। इसके अलावा क्षेत्रवार ऐसे घर जहां भीतर मच्छरों का प्रजनन पाया गया, वहां की सूची तैयार कर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा एएनएम को उपलब्ध करायी गयी।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि घर-घर दस्तक अभियान के तहत अब तक जनपद में 1946 व्यक्तियों में बुखार के लक्षण पाये गए। रेपिड जांच में दो मलेरिया के रोगी पाये गए। भ्रमण के दौरान सर्दी, खांसी, जुकाम (आईएलआई) के लक्षण वाले 262 मरीज पाये गए। सात व्यक्तियों में संभावित क्षय रोग के लक्षण पाये गए, जिनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इसी तरह फाइलेरिया के लक्षण युक्त व्यक्तियों की संख्या 15, कालाजार के 89 तथा कुष्ठ रोग के लक्षण युक्त व्यक्तियों की संख्या तीन है जिन्हें जांच कराने के लिए संदर्भित किया गया है।
डेंगू मरीजों में आई गिरावट – डीएमओ ने बताया कि इस वर्ष अबतक 345 मरीजों डेंगू एलाइजा की पुष्टि हुई है। इस वर्ष जुलाई में एक भी डेंगू का मरीज नहीं मिला। अगस्त में 69, सितंबर में 93, अक्टूबर में 162 और नवंबर में अब तक 21 डेंगू के मरीज पाये गए। इसके अलावा वर्ष 2022 में 562, वर्ष 2021 में 458, वर्ष 2020 में 13, वर्ष 2019 में 522, वर्ष 2018 में 881 एवं वर्ष 2017 में 722 पाये गए। इस तरह देखा जाए तो पिछले सालों में डेंगू के मरीजों में गिरावट आई है।

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