अध्यात्म देश लेटेस्ट न्यूज़

भारत के ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनने से ही होगा विश्व का कल्याण: स्वामी आनंद स्वरूप

बांकुड़ा। HBCNews.in

इस्लामिक आतंकवाद से त्रस्त है पूरा विश्व: मनोज रंजन दीक्षित

बांकुड़ा स्थित रविन्द्र भवन में ‘हिन्दू रिपब्लिक ऑफ हिन्दुस्थान’ के लिए आयोजित विशाल हिन्दू पंचायत को सम्बोधित करते हुए शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि विश्व का कल्याण तभी होगा जब भारत का कल्याण होगा और भारत का कल्याण तभी होगा जब हमारा राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र हो जाएगा।

यह भी पढ़ें: बच्चों को सेक्युलर नहीं कट्टर हिंदू बनाएं: स्वामी आनंद स्वरुप

हम धार्मिक लोग हैं, हिंदुत्व हमारे रग-रग में:

शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष ने पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि धार्मिक आधार पर हुए राष्ट्र के विभाजन के उपरान्त जब एक हिस्सा इस्लामिक राष्ट्र घोषित हो गया तो शेष हिन्दुस्थान को हिन्दू राष्ट्र हो जाना चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं सका। लेकिन ये कब तक चलेगा, भारत को धर्मनिरपेक्ष घोषित कर देना इसकी आत्मा पर चोट है। हम धार्मिक लोग हैं, हिंदुत्व हमारे रग-रग में है इसलिए हम सबको पुनः इसे हिन्दू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेना होगा। आज मुस्लिम देशों में श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन अनिवार्य कर दिया गया है, दुनिया तेजी से योग, आयुर्वेद और सनातन जीवन शैली अपना रही है, जबकि हम अपनी शैक्षिक संस्थाओं में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दे सकते। हमे स्वाभिमान जगाना होगा, हिन्दू राष्ट्र के लिए सर्वस्व समर्पण का भाव उत्पन्न करना होगा। यदि इसमें सफल हुए तो निश्चित ही आगामी चार वर्षों में हमारा राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र घोषित हो जाएगा।

यह भी पढ़ें: हिंदू राष्ट्र बनाने में रोड़ा न डालें धर्माचार्य: स्वामी आनंद स्वररूप

शंकराचार्य परिषद हिन्दू राष्ट्र के लिए संकल्पित:

स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि आज बंगाल में सत्तर प्रतिशत हिन्दू हैं लेकिन खुलके अपना उत्सव नहीं मना सकते और तमाम प्रशासनिक प्रतिबंध झेल रहे है। उधर तीस प्रतिशत टोपी वाले वर्षों से राज कर रहे हैं जो चिंता और चिंतन का विषय है। शंकराचार्य परिषद पूरे देश में अभियान चला कर हिन्दू राष्ट्र की मांग को जनान्दोलन में परिवर्तित करने हेतु संकल्पित है। उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक हिन्दू संकल्प ले कि उसके दरवाजे पर वोट मांगने आये किसी भी नेता से मात्र एक प्रश्न करे कि वो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के पक्ष में है अथवा नहीं, यदि नहीं है तो यहां से चला जाय और यदि है तो उसे वोट देंगे। तब देखिएगा निश्चित ही चार वर्षों में भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित हो जाएगा।

यह भी पढ़ें: अगर गीता पर भारी पड़ी कुरान तो स्वीकार कर लूंगा इस्लाम: स्वामी आनंद स्वरूप

 

भारत का हिन्दू राष्ट्र घोषित होना न्यायोचित:

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय पार्षद डॉ विद्यासागर उपाध्याय ने कहा कि बंग-भंग के रूप में जब साम्प्रदायिक आधार पर 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ उसी समय हिन्दू समुदाय ने स्वदेशी आंदोलन का आरम्भ किया और लड़ते रहे। आगे चलकर मुस्लिम लीग तब आंदोलन हेतु साथ आई, जब अंग्रेजों ने उनके सर्वोच्च धार्मिक गुरु टर्की के खलीफा को प्रतिबंधित कर दिया। जब तक उन्हें लग रहा था कि देश की आजादी के बाद मुगल शासन स्थापित होगा तब तक साथ रहे, लेकिन जैसे ही लगा कि आजादी के बाद भारत में लोकतंत्र स्थापित होगा, तुरन्त उन्होंने अपना स्टैंड बदल लिया और नारे लगे कि लड़के लेंगे पाकिस्तान, बंटके रहेगा हिंदस्तान। जिस मुस्लिम शायर मोहम्मद इकबाल ने ‘सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा’ लिखा उसी ने सर्वप्रथम साम्प्रदायिक आधार पे अलग मुस्लिम राष्ट्र की मांग की। जब लाशों के ढेर पर विभाजन हो ही गया और एक हिस्सा मुस्लिम राष्ट्र बन ही गया तो अब हमारे राष्ट्र को भी हिन्दू राष्ट्र घोषित हो ही जाना न्यायोचित है।

यह भी पढ़ें: जकात फंडिंग पर पल रही पार्टियों से रहिए सावधान: स्वामी आनंद स्वरुप

आतंक फैलाने के अलावा इस्लाम की कोई उपलब्धि नहीं:

 

भूतपूर्व रॉ एजेंट और पाकिस्तान में 21 वर्षों तक रह के वापस आये मनोज रंजन दीक्षित ने कहा कि उनका आधा जीवन कुरान, हदीश को पढ़ने और इस्लाम की बारीकियों से परिचित होने में बीता है। सच ये है कि इस्लाम केवल और केवल नफरत फैलाता है, जो अल्लाह को नहीं मानता वो काफिर है जो कत्ल के काबिल है, यही नहीं काफिर की बहन, बेटी माल ए गनीमत है। यही कारण है कि ज्ञान विज्ञान और आधुनिक शिक्षा में दूर-दूर तक मोमिनों का कहीं पता नहीं है। बम फोड़ना और आतंक फैलाने के अलावा कोई इस्लाम की उपलब्धि नहीं है यही कारण है कि आज पूरा विश्व इनसे त्रस्त है। हिन्दू राष्ट्र की स्थापना से ही इन जेहादियों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: भारत का हिन्दू राष्ट्र बनना ही देश की ढेरों समस्याओं का एकमात्र निदान: स्वामी आनन्द स्वरूप

हिन्दू पंचायत के अंत मे श्रोताओं ने अपने प्रश्न स्वामी आनंद स्वरूप के सामने रखे जैसे हिन्दू राष्ट्र कब तक घोषित हो जाएगा? हिन्दू जग क्यों नहीं रहा है? मंदिरों की दशा दयनीय क्यों है? धर्माचार्यों की क्या भूमिकाहै? गाय राष्ट्र माता होंगी की नहीं? गुरुकुल शिक्षा की चुनौतियां क्या हैं? भारत पुनः विश्व गुरु कैसे हो सकता है? इत्यादि। जिस पर स्वामी आनंद स्वरूप ने सरल, सहज व ग्राह्य प्रत्युत्तर दिया। आदि से अंत तक रविन्द्र भवन ‘जय-जय श्रीराम’, ‘हमारा राष्ट्र-हिन्दू राष्ट्र’, ‘जाति छोड़ो-हिन्दू जोड़ो’ और ‘हर-हर महादेव’ से गूंजता रहा। कार्यक्रम को नरेंद्र खड़गा, मनोज रंजन दीक्षित, राजकिशोर यादव, गौरांग डे, पारिजात चंदो आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन मानसी देवनाथ ने किया।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *