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बच्चों को महफूज बनाने में जुटी आधी आबादी

लखनऊ। कोविड-19 की तीसरी लहर का सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ने की आ रहीं ख़बरों के बीच सरकार जहाँ स्वास्थ्य व्यवस्था को चाक-चौबंद करने में जुटी है वहीँ माताएं अपने नौनिहालों को शारीरिक व मानसिक रूप से कोरोना से लड़ने के काबिल बनाने पर ध्यान दे रहीं हैं । बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के बारे में डाक्टर से मिली सलाह का शत-प्रतिशत पालन हो रहा है तो कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाने की आदत डालने पर भी फोकस है। घर से बाहर न निकल पाने के कारण बच्चे मानसिक रूप से परेशान न हों इसके लिए परिवार के लोग इनडोर गेम या अन्य गतिविधियों में उन्हें व्यस्त रखने की कोशिश में जुटे हैं ।

खानपान का रख रहीं ख्याल

इंदिरानगर निवासी ऋचा द्विवेदी अपनी साढ़े तीन साल की बेटी को किसी भी संक्रमण से मजबूती से लड़ने के काबिल बनाने में जुटीं हैं । उनका कहना है कि बच्चे की इम्यूनिटी जितनी मजबूत होगी, उतनी ही मजबूती से वह बीमारियों से लड़ सकेगा । खाने में हरी साग-सब्जियों और मौसमी फल पर जोर दे रहीं हैं तो शरीर में पानी की कमी न होने पाए उसका भी ख्याल रख रहीं हैं । बेटी को फलों का जूस देने के बजाय वह फलों को काटकर खाने को देती हैं । इसके पीछे उनकी सोच है कि इससे बच्चा फलों के कलर व आकार आदि के बारे में भी समझता है और मन लगाकर खाता भी है। हल्दी-दूध को रूटीन में शामिल कर लिया है ।

 

कोविड अनुरूप व्यवहार की आदत जरूरी

इंदिरानगर की ही रहने वाली शुभ्रा माथुर अपने सात साल के बेटे में हैण्डवाश की आदत डालने पर जोर दे रहीं हैं। वह कहतीं हैं कि बच्चे इधर-उधर पड़े सामान को बार-बार छूने की कोशिश करते हैं जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बार-बार सही तरीके से हाथ धुलने की आदत से जहाँ वह कोरोना को मात दे सकते हैं वहीँ पेट सम्बन्धी कई अन्य बीमारियों से भी सुरक्षित रह सकते हैं। इसके अलावा बाहर निकलने पर मास्क से मुंह व नाक को ढककर रखने और एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर मिलने की अहमियत भी समझा रहीं हैं। वह कहतीं हैं- हालांकि बच्चे अभी बाहर नहीं निकल रहें हैं लेकिन यह आदतें बचपन में डाली जाएँ तो वह बड़े होने पर भी बनी रहेंगी।

 

योग और इनडोर गेम पर रहता है जोर

राजाजीपुरम निवासी ऋतिका श्रीवास्तव अपनी सात साल की बेटी और पांच साल के बेटे को योग और इनडोर गेम में व्यस्त रखतीं हैं ताकि वह मानसिक रूप से परेशान न हों और उनमें गुस्सा व चिड़चिड़ापन न आने पाए। इससे बच्चों का घर पर मन लगा रहता है और वह बाहर जाने की जिद भी नहीं करते हैं। वह खुद योग करतीं हैं और बच्चों को भी उसे करने के लिए प्रेरित करतीं हैं ताकि उनकी इम्यूनिटी भी मजबूत बन सके।

 

परिवार के हर सदस्य का टीकाकरण जरूरी

आलमबाग निवासी अर्शिया अपनी आठ साल की बेटी को कोरोना की तीसरी लहर से सुरक्षित बनाने के लिए सबसे पहले तो परिवार के सभी सदस्यों के कोविड टीकाकरण पर जोर दे रहीं हैं ताकि वायरस घर तक न पहुँच सके । उनका मानना है कि अभी बच्चों का टीका तो आया नहीं है, इसलिए वायरस से लड़ने के काबिल उन्हें बेहतर पोषण और जरूरी एहतियात बरतकर ही बनाया जा सकता है । इसमें उनका साथ पूरा परिवार भी दे रहा है।

फ़ास्ट फ़ूड से बना लें दूरी

गोमतीनगर निवासी भावना तिवारी अपनी छह साल की बेटी और दो साल के बेटे को फास्ट फ़ूड से बिल्कुल दूर रखतीं हैं । एसजी पीजीआई में कार्यरत भावना इसके अलावा बच्चों को कोल्डड्रिंक, आइसक्रीम व ठंडी चीजों को बिल्कुल खाने को नहीं देतीं क्योंकि वह उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं ।

नियमित टीके का रखें ख्याल

इंदिरानगर की दीपा अपनी तीन माह की बेटी के जरूरी टीके के बारे में बराबर सजग रहतीं हैं । उनकी सभी से अपील भी है कि इस कोरोना काल में भी बच्चे के नियमित टीकाकरण का पूरा ख्याल रखें । नियमित लगने वाले टीके बच्चों को बीमारियों से बचाने के साथ ही उनसे लड़ने की ताकत भी देते हैं और उन्हें स्वस्थ रखने में भी मददगार हैं।

किसी भी इमरजेंसी पर याद रखें हेल्पलाइन नम्बर

कोविड सम्बन्धी किसी भी आपात स्थिति में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय हेल्पलाइन नम्बर- 1075, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बच्चों के हेल्पलाइन नम्बर – 1098 और मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी समस्या के लिए निम्हंस के हेल्पलाइन नम्बर – 08046110007 पर संपर्क किया जा सकता है ।

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