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पोस्ट कोविड 73 साल के मरीज को ब्लैक के साथ येलो फंगस का मिला संक्रमण

प्रयागराज। कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके एक 73 साल के व्यक्ति में ब्लैक और येलो फंगस की पुष्टि हुई है। बुजुर्ग का झलवा स्थित ​युनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल में ऑपरेशन किया गया है। फंगस का संक्रमण उनकी नाम में था। संगमनगरी में यह पहला केस है, जिसमें एक ही व्यक्ति ब्लैक और येलो फंगस की पुष्टि हुई है। इससे पहले 24 मई को गाजियाबाद में ब्लैक के साथ वाइट और येलो फंगस की पुष्टि एक ही शख्स में हुई थी।

चेहरे में भारीपन और दर्द की शिकायत लेकर दोबारा भर्ती हुए

अस्पताल प्रशासन ने बताया कि बुजुर्ग को अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में कोरोना होने पर भर्ती कराया गया था। ठीक होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्‌टी दे दी गई थी। कुछ दिन बाद वो दोबारा अस्पताल में आए और चेहरे में भारीपन और दर्द की शिकायत की। इसकी जानकारी युनाइटेड मेडिसिटी हास्पिटल के प्रिंसिपल व ENT विशेषज्ञ डॉ. मंगल सिंह को दी गई। डॉ. मंगल सिंह व एक और ENT स्पेशलिस्ट डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने सैंपल लिया। उनका VITAL टेस्ट कराया गया। मरीज का एंडोस्कोपी व एमआरआई भी कराई गई।

8 जून को सभी रिपोर्ट आने के बाद उसमें ब्लैक और यलो फंगस की पुष्टि हुई। मरीज की नाक में यलो फंगस पाया गया। चूंकि ब्लैक फंगस की शुरुआत ही थी लिहाजा इसका तत्काल ऑपरेशन किया गया।

आपरेशन के चार दिन बाद भी नहीं मिला इंजेक्शन

डॉ. मंगल सिंह ने बताया कि यलो फंगस का यह जनपद का पहला मामला है। हालांकि आपरेशन के चार दिन बाद भी मरीज को एंफोटेरेसिन बी इंजेक्शन नहीं दिया जा सका है। अस्पताल प्रशासन ने इसकी जानकारी सीएमओ को दे दी थी पर अभी तक इंजेक्शन नहीं मिला है। यह इंजेक्शन आपरेशन के तुरंत बाद ही मरीज को दिया जाना चाहिए था पर ऐसा नहीं हो सका है। डॉ. मंगल सिंह ने बताया कि अस्पताल प्रशासन इस बात की कोशिश कर रहा है कि वह इंजेक्शन मिल जाए। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस की एक और महिला मरीज अस्पताल में भर्ती हुई है उसके चेहरे में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले हैं। उसका आपरेशन भी जल्द ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमें एंफोटेरेसिन बी इंजेक्शन की सख्त जरूरत है।

ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या अब 20 पहुंची

स्वरूप रानी नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि जनपद में अब ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या अब तक 20 पहुंच गई है। इनमें से सात मरीजों का आपरेशन भी हो चुका है। पांच मरीज डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। जिन मरीजों का आपरेशन हो चुका है उनकी तबियत में सुधार हो रहा है।

गाजियाबाद में मिला था यलो, वाइट और ब्लैक फंगस का मामला

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक मरीज में ब्लैक, वाइट और यलो फंगस का पहला मामला मिला था। उसके सीटी स्कैन से फंगस के बारे में पता नहीं चला। जब मरीज का नेजल इंडोस्कोपी किया गया तब पता चला कि उसे ब्लैक, वाइट और यलो तीनो ही फंगस थे। संजय नगर इलाके का रहने वाले इस मरीज की हालांकि बाद में मौत हो गई थी।

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