वाराणसी। HBCNews.in
छावनी के निर्वाचित सदस्य गण शैलेन्द्र सिंह के नेतृत्व में चन्दकेशव, शाहनवाज अली एवं संगीता यादव ने सोमवार को छावनी बोर्ड के अध्यक्ष से ज्ञापन के माध्यम से छावनी प्रशासन में संविधान प्रदत्त लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करने की मांग की। छावनी बोर्ड के चुनाव के स्थगन के फैसले को अलोकतांत्रिक फैसला बताते हुए उक्त सदस्यों ने धरना-प्रदर्शन सत्याग्रह करके जनमत के रोष को प्रकट किया।
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शैलेन्द्र सिंह ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि विगत दिनों में कई बार पत्रक देकर छावनी बोर्ड के चुनाव कराकर छावनी प्रशासन में संविधान प्रदत्त लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करने की मांग की। इस संदर्भ में रक्षा सम्पदा महानिदेशक को भी पत्रक भेजकर उनके समक्ष यह मांग की। हमें खेद है कि जनमत पर आधारित हमारी मांग सभी स्तरों से ठुकराते हुये, छावनी बोर्डों के चुनाव टाल दिये गये।
हम भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक लोकतांत्रिक समाज एवं शासन व्यवस्था के नागरिक हैं और छावनी क्षेत्र में स्थानीय स्वशासन का काम विधि द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक प्रक्रिया से संचालित होना एक संवैधानिक उत्तरदायित्व है। अत: चुनाव टालने का फैसला बिना समुचित कारण के लोकतंत्र की हत्या का एक तानाशाहीपूर्ण फैसला है। कोविड के गंभीर दौर में लगातार राज्यों के विधानसभा चुनाव होते रहे हैं। अत: इस अपेक्षाकृत छोटे चुनाव को स्थगित करने की कोई तर्कसंगत कारण वजह स्वीकार नहीं की जा सकती है।
उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 4 फरवरी को उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनाव कराने का समय निर्धारित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता है। अत: हम लोकतंत्रविरोधी इस अधिनायकपूर्ण फैसले को लेकर क्षुब्ध जनमत की अभिव्यक्ति की दायित्व भावना से प्रेरित होकर इस फैसले का संगठित लोकतांत्रिक विरोध प्रकट करने का निश्चय किया था। निर्वाचित सदस्यों एन ज्ञापन देकर मांग की है कि अगर पन्द्रह दिन में छावनी बोर्ड के निर्वाचन संबंध में दिशा निर्देश जारी नहीं हुआ तो हम सदस्य गण अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन सत्याग्रह जनमानस के साथ करेंगे।