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कूड़े और गंदगी से ‘असि’ नदी बदहाल, नागरिकों का बुरा हाल

नई दिल्ली। HBCNews.in

क्रांति फाउंडेशन ने दर्ज करायी शिकायत

एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को स्मार्ट सिटी बनाने के तमाम दावे सरकार द्वारा किये जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वाराणसी (वरूणा+असि) नाम का आधा अंश लिए हुए असि नदी अपनी बदहाली पर लगातार आंसू बहा रही है। जहां सरकार व वाराणसी नगर निगम काशी मे स्वच्छता के तमाम दावे करता रहता है, वहीं असि नदी मे फैला कूड़ा व गंदगी इन दावों की हवा निकालते नजर आते हैं।

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पूर्व मे असि नदी मे गंदगी की कई बार शिकायत दर्ज करा चुके पूर्व एमएलसी प्रत्याशी व क्रांति फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. राहुल कुमार सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष उन्होने काफी बार शिकायत दर्ज करा कर नगर निगम द्वारा असि की सफाई करवाई थी। साथ ही साथ उन्होने नगर निगम से आग्रह किया था कि ‘असि’ भले ही नाले के रूप मे परिवर्तित हो चुकी हो, फिर भी इसकी वर्ष में तीन बार नियमित सफाई करायी जाये। नगर निगम के अधिकारियों द्वारा तमाम आश्वासन हर वर्ष दिये जाते हैं कि ‘असि’ की सफाई अब से नियमित तौर पर करवाई जायेगी परंतु एक बार सफाई करवाने के बाद कोई अधिकारी ‘असि’ की सुध लेने नहीं आता है।

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श्री सिंह ने बताया कि रोहित नगर विस्तार हो या बटुआपुरा, कहीं भी ‘असि’ में भरा कूड़ा देखा जा सकता है, परंतु न जाने क्यों ये प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों को नहीं दिखता है। रोहित नगर विस्तार कालोनी के हालात तो ऐसे हैं कि ‘असि’ पूरी तरह से कूड़े से पटी हुई दिखती है तथा ‘असि’ का पानी भी कूड़े के कारण दिखना बंद हो गया है। किसी अंजान व्यक्ति को अगर पता न हो तो वो इसे कूड़ा ही समझ बैठेगा। राहुल कुमार सिंह के अनुसार नियमित सफाई न होने के कारण ‘असि’ का सामान्य बहाव भी अवरूद्ध रहता है। ‘असि’ मे ज्यादातर सीवर युक्त पानी व मलजल होने तथा बहाव अवरूद्ध होने से पानी से भयंकर बदबू आती है। असि मे गंदगी, बदबू व कूड़ा करकट होने से मच्छरों का आतंक फैल जाता है तथा असि के किनारे पर बसी कालोनियों मे दिन मे भी मच्छरदानी लगा कर लोगों को रहना पड़ता है।

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श्री सिंह ने कहा कि सरकार व प्रशासन द्वारा वाराणसी को स्वच्छ व स्मार्ट सिटी बनाने के किये जाते हैं परंतु ये सारी बातें कागजी हैं। जब प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र का ये हाल है तो स्वच्छ भारत अभियान व तमाम बाकि दावों की स्थिति क्या होगी, इसके बारे मे कुछ कहने की जरूरत नहीं है। असि नदी के किनारे बसे लोग लगातार नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं परंतु सरकार या प्रशासन से इसकी नियमित सफाई तक नहीं हो पा रही है। श्री सिंह ने बताया कि उन्होने फिर से सफाई के लिए शिकायत दर्ज करा दी है परंतु नगर निगम को इस बात का संज्ञान स्वयं लेना चाहिए तथा नियमित तौर पर हर वर्ष मे कम से कम तीन बार असि की सफाई करवानी चाहिए, जिससे असि का प्रवाह अवरूद्ध न हों तथा किनारे बसे लाखों लोगों को राहत मिल सके।

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