कानपुर। झांसी में 8 साल पहले बिजली विभाग में हुए 50 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच अब कानपुर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) करेगी। समाजवादी पार्टी की सरकार में साल 2012 और 2013 में फर्जी क्रय आदेश जारी कर अफसरों ने सरकारी धन की बंदरबांट की थी। EOW के SP बाबूराम ने बताया कि 21 मई को शासन ने इस प्रकरण में FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। जांच जारी है। जल्द ही रिपोर्ट दर्ज होगी।
SP बाबूराम ने बताया कि मुख्य अभियंता (वितरण) झांसी क्षेत्र और अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल झांसी 50 करोड़ के फर्जी क्रय आदेश जारी करके रकम हड़प कर गए थे। शासन ने जांच के साथ मासिक प्रगति रिपोर्ट भी देने का आदेश जारी किया है। टीम गठित करके घोटाले की जांच शुरू कर दी गयी है।
कमीशनखोरी के चक्कर में खरीद करोड़ों का गैर जरूरी सामान
अफसरों ने सिर्फ फर्जी क्रय आदेश जारी करके ही नहीं कमीशनखोरी के चक्कर में करोड़ों का गैर जरूरी सामान खरीद लिया। जिसको विभाग की जरूरत ही नहीं थी। इस तरह से भी विभाग को भारी नुकसान पहुंचाया था। जांच में बिजली विभाग के 6 कर्मियों को निलंबित किया गया था और 22 कर्मचारियों की संलिप्तता मिली थी।
अफसर और कंपनियों ने मिलकर किया घोटाला
घोटाले की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बिजली विभाग के बड़े अफसरों के साथ ही माल सप्लाई करने वाली कंपनियों और कर्मचारियों ने मिलकर पूरे घोटाले को अंजाम दिया है। 2012 से 13 के बीच में 56.43 करोड़ रुपए की विभाग में उपकरण खरीद हुई थी। जांच के दौरान सामने आया कि 45.20 करोड़ के क्रय आदेश का मंडल कार्यालय में कोई रिकार्ड ही नहीं मिला। 12 करोड़ की खरीद के जो दस्तावेज मिले हैं। अफसरों के कमीशनखोरी के चक्कर में दोगुने से भी ज्यादा कीमत पर उपकरणों की खरीद की थी।