लखनऊ। किसानों को अब घर बैठे पता चल सकेगा कि खाद किस दुकान पर कितनी उपलब्ध है। उन्हें यूरिया, डीएपी या फिर अन्य खादों के लिए कस्बों और जिला मुख्यालयों की निजी व सरकारी दुकानों की दौड़ नहीं लगानी होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी खाद बिक्री केंद्रों को आइएफएमएस पोर्टल पर स्टाक अपलोड करने का आदेश दिया है, प्रशासनिक अफसर स्टाक का सत्यापन भी करेंगे, ताकि किसानों को परेशान न होना पड़े और बिचौलियों पर प्रभावी अंकुश लग सके।
कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने वाली यूपी सरकार किसानों को खाद उपलब्ध कराने की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने जा रही है। किसानों को सहूलियत देने की कार्य योजना तैयार कर ली गई है। खाद बिक्री केंद्रों की मानीटरिंग के तहत केंद्रों पर उपलब्ध खाद का स्टाक चेक किया जाएगा। केंद्र सरकार ने पोर्टल बना रखा है, उस पर खाद बेचने वालों को दर्ज करना होगा कि उनके यहां पर किस खाद का कितना स्टाक है। इससे विभाग व किसान दोनों को फायदा है।
विभाग इसकी जांच करके इत्मीनान करेगा कि बिचौलिए इसे हासिल नहीं कर रहे हैं, वहीं किसानों को खाद खरीदने में सुविधा होगी। इस समय प्रदेश में नौ लाख मीट्रिक टन यूरिया व चार लाख मीट्रिक टन से अधिक डीएपी दुकानों में उपलब्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने सभी जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों व कृषि निदेशकों को इस कार्य में तेजी से जुटने को कहा है। खाद बिक्री में होने वाले घोटालों और बिचौलियों के बढ़ते हस्तक्षेप को देखते हुए सरकार ने ये अहम फैसला लिया है।
खाद दुकानों का स्टाक जांचने का अभियान 15 से : उत्तर प्रदेश सरकार का निर्देश है कि 15 से 25 सितंबर के बीच विशेष अभियान चलाकर खाद दुकानों के स्टाक को चेक किया जाए। नए निर्देशों के तहत अब थोक व फुटकर खाद विक्रेताओं को उपलब्ध स्टाक की जानकारी भी देनी होगी, ताकि किसानों को किसी प्रकार का नुकसान न हो। इसके लिए जिले स्तर पर अफसरों की टीम बनाकर खाद गोदामों का स्टाक चेक कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।