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पोषण माह के अन्तर्गत राज्य महिला आयोग की सदस्य द्वारा पोषण पंचायत का शुभारम्भ

• गर्भवती की हुई गोदभराई और पोषण के संबंध में किया गया जागरूक
• सैम बच्चों से सुपोषित श्रेणी में तब्दील हुये बच्चों को दी गयी पोषण पोटली
वाराणसी| माह सितम्बर सम्पूर्ण प्रदेश में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर उ.प्र. राज्य महिला आयोग द्वारा आज दिनांक 15 सितम्बर को प्रदेश के चयनित 26 जनपदों में ग्रामीण स्तर तहसील/ब्लॉक में पोषण पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में आज काशी विद्यापीठ ब्लॉक में राज्य महिला आयोग की सदस्य माननीया अर्चना द्वारा पोषण पंचायत का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य,पोषण पंचायत में कुपोषित महिलाओं एवं बच्चों के लिए पुष्टाहार विभाग द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना, पोषण अभियान के अन्तर्गत चलायी जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी तथा लाभ के बारे में भी बताया जायेगा। इस दौरान सैम और मैम श्रेणी में रह चुके बच्चों के अभिभावक कार्यक्रम में उपस्थित रहे। पोषण वाटिका, पौधरोपण एवं सुपोषण के लिए योग एवं आयुष के महत्व से संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई। स्थानीय खाद्य पदार्थों एवं पौष्टिक भोजन की जन-जागरूकता के बारे में भी बताया गया तथा अनुपूरक पुष्टाहार के महत्व को भी विस्तृत रूप से बताया गया।
राज्य महिला आयोग की सदस्य द्वारा गर्भवती की गोद भराई की गई। कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं को फल, साग-सब्जियों और पुष्टाहार से सजी डलिया भेंट की गयी। तथा सैम तथा मैम बच्चे जो सुपोशित हो गये हैं, उन्हें माननीया सदस्य दवारा पोषण पोटली भी प्रदान की गयी।
नवागत जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने वहां मौजूद गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को प्रसव के पूर्व की तैयारी और प्रसव पश्चात की तैयारी के विषय में जानकारी दी। सभी लाभार्थी महिलाओं को जीवन चक्र के प्रथम 1,000 दिन यानि गर्भावस्थाकाल के 270 दिन और जन्म से लेकर 2 साल तक 730 दिन के महत्व के बारे विस्तार से बताया। इन दिवसों में गर्भवती माता और प्रसव के बाद शिशु की देखभाल बहुत जरूरी होती है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों को कुपोषण से बचाया जा सके। इसके अलावा महिलाओं को सुरक्षित और संस्थागत प्रसव, संतुलित एवं स्वस्थ आहार, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जाँच, परिवार नियोजन एवं अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी के बारे में भी बताया।
बाल विकास परियोजना अधिकारी स्वाति पाठक ने बताया कि ब्लॉक में 480 लाल श्रेणी के बच्चे, 500 सैम बच्चे तथा 4078 पीली श्रेणी के बच्चे हैं। आगंबाड़ी केन्द्रों पर वजन मशीन, टेप सहित सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। उन्होने सभी अभिभावकों को बताया कि बच्चों को हमेशा घर में बना ताजा पोषक आहार ही देना चाहिए। बाजार की चीजों को प्राथमिकता बिलकुल न दें। जिससे आपका बार-बार बीमार नहीं पड़ेगा तथा बच्चा स्वस्थ रहेगा।
कार्यक्रम में काशी विद्यापीठ ब्लॉक अन्तर्गत गाँव शिवदासपुर निवासी आरती, पति- राजू यादव ने बताया की उन्हें चार महीने की प्रेगनेन्सी है, विभाग से हमें पूरी जानकारी मिलती रहती है, मुझे किसी प्रकार की समस्या नहीं है। शिवदासपुर निवासी राधा देवी, पति मनोज ने बताया की उन्हें 6 महीने की प्रेगनेन्सी है, कार्यक्रम में विभाग के सहयोग से गोदभराई की रस्म पूरी हुई। इसके अलावा माननीय राज्य महिला आयोग सदस्य अर्चना द्वारा कुपोषित से सुपोषित हुये 2 बच्चे जिनमें शिवदासपुर निवासी सैम बच्चा जमशेद खान, उम्र 1 वर्ष 6 माह और महेशपुर निवासी 2 वर्षीय रुद्र को पोषण पोटली का वितरण किया गया।

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