हार्ट फेल के कारण होने वाली सभी स्थितियों को सही नहीं किया जा सकता है, लेकिन सही समय पर इलाज करके संकेतों और लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। लक्षणों का समय पर इलाज करके आपको लंबे समय तक जीने में मदद मिल सकती है।
हार्ट फेल होने के कारण:
कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापा जैसे कारक हार्ट फेल होने की संभावना को बढ़ाते हैं इसलिए आपको इन विकारों के लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए।
हार्ट फेल होने के लक्षण:
हार्ट फेल दो तरह से होता है क्रोनिक यानी दिल में बहुत पहले से गड़बड़ी चलती आ रही हो तब और दूसरा एक्यूट यानी किसी कारण से अचानक हार्ट का फेल हो जाना। आमतौर पर हार्ट फेल होने के लक्षणों में शामिल हैं-
- सांस की तकलीफ (डिस्नेपिया)
- थकान और कमजोरी
- पैर, टखनों और तलवों में सूजन (एडिमा)
- तेजी से या अनियमित दिल की धड़कन
- व्यायाम करने की क्षमता कम होना
- खांसी के साथ सफेद या गुलाबी रक्त आना
- रात में ज्यादा पेशाब आना
- पेट की सूजन
- बहुत तेजी से वजन बढ़ना
- भूख की कमी और मतली
- ध्यान केंद्रित करने या सतर्कता करने में कठिनाई
- अचानक, सांस की गंभीर कमी और गुलाबी, झागदार बलगम
- हार्ट अटैक के कारण हार्ट फेल होने से सीने में दर्द