प्रयागराज। संगम नगरी में गंगा और यमुना का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने से दोनों नदियों के किनारे की बस्तियों में खलबली मच गई है। शुक्रवार को गंगा यमुना के जलस्तर में 2 से 2.30 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर वृद्धि हो रही है। नैनी के अरैल इलाके में गंगा- यमुना पर बने दो पक्के घाटों की सीढ़ियां डूबने लगी हैं। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाटों पर कटान शुरू हो गई है। यही हाल झूंसी के छतनाग और दारागंज इलाकों का भी है। इसबीच संगम क्षेत्र को तीर्थ-पुरोहितों ने छोड़ दिया है।
गंगा-यमुना के जलस्तर बढ़ने से शुक्रवार सुबह से ही संगम क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोग अपनी दुकानें और चौकियां सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाने में जुट गए।
अभी खबरे का निशान काफी दूर
प्रयागराज बाढ़ नियंत्रण कक्ष के रिकार्ड मुताबिक शुक्रवार को सुबह 8 बजे तक फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 78.63 मीटर, छतनाग में 76.5 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 76.21 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि अभी यह जलस्तर खतरे के निशान 84.73 से काफी दूर है।
बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और कानपुर, हरिद्वार, नरौरा बांध से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से नदी किनारे बोई गईं फसलें डूब चुकी हैं। इनमें सब्जी प्रमुख रूप से शामिल है।
अगले तीन चार दिनों तक बारिश होने के आसार
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के एसोसिएट प्रोफसर अश्वजीत चौधरी ने बताया कि अगले तीन से चार दिन तक प्रतिदिन बारिश की संभावना है। प्रयागराज समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसका असर नजर आएगा। बारिश के साथ ही वायुदाब में भी गिरावट होगी। गुरुवार को तापमान अधिकतम 29.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से तीन डिग्री कम है, जबकि न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जलस्तर एक नजर में
- फाफामऊ-78.61
- छतनाग-75.60
- नैनी-76.19
- खबरे का निशान-84.73