वाराणसी। चार दिन से लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्तर मंगलवार की सुबह से घटने लगा। इससे मल्लाहों ने राहत की सांस ली है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार की सुबह 10 बजे वाराणसी में गंगा का जलस्तर 60.47 मीटर दर्ज किया गया। गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को वाराणसी में गंगा का जलस्तर प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा था।
सोमवार की रात 10 बजे गंगा का जलस्तर 60.58 मीटर दर्ज किया गया था। केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने बताया कि गंगा बेसिन क्षेत्र और पहाड़ों पर बारिश बंद होने की वजह से गंगा का पानी घटना शुरू हुआ है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा नाविक चिंतित
गंगा का जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा चिंतित नाविक थे। वाराणसी में 1500 छोटी-बड़ी नावें चलती हैं। तकरीबन चार दिन से लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर से नाविकों की सांसे अटकी हुई थी। सभी को यही आशंका थी कि अगर पानी इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो प्रशासन नौकायन पर रोक लगा देगा।
वाराणसी नौकायन समिति के अध्यक्ष शंभूनाथ साहनी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर के कारण 20 अप्रैल से 13 जून तक हम लोग खाली बैठे हुए थे। अभी भी हफ्ते में पांच दिन ही नौकायन की छूट है। हम लोग यही चाहते हैं कि लगभग 15 जुलाई तक स्थिति सामान्य रहे। फिर तो वैसे भी हम लोगों को लगभग 2 माह घर ही बैठना है।
बाढ़ चौकियां स्थापित करने के लिए निर्देश जारी
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जिले के उप जिलाधिकारियों से कहा कि 30 जून के पहले गंगा, वरुणा और गोमती के किनारे के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी जाएं। जो भी लोग इन प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं उनके सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की जाए। बाढ़ चौकियों में कर्मचारी पूरी तैयारी के साथ तैनात किए जाएं और वह ग्राम प्रधान व गांव के चौकीदार के संपर्क में रहें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मवेशियों के लिए भी चारा और भूसा आदि का उचित प्रबंध कर दिया जाए।