वाराणसी। काशी से प्रयागराज, चित्रकूट और अयोध्या के बीच पर्यटन की संभावनाएं तलाशने फैम टूर पर निकला टूर आपरेटरों का दल तीन दिवसीय दौरा के बाद वाराणसी लौट आया है। उन्होंने चारों स्थानों को जोड़ते हुए धार्मिक और ईको पर्यटन की दृष्टि से संयुक्त सर्किट बनाने का सुझाव दिया है। उनका मानना है कि पर्यटकों को इन स्थानों पर ले जाने के लिए तीन से चार दिन का पैकेज तैयार किया जा सकता है।
टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन (टीडब्लूए) के अध्यक्ष राहुल मेहता ने बताया कि पूरे दौरे की बिंदुवार रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे तीन से चार दिन में मंडलायुक्त को सौंप दी जाएगी। राहुल मेहता ने बताया कि काशी-प्रयागराज-चित्रकूट और अयोध्या न केवल धार्मिक पर्यटन के लिए उपयुक्त सर्किट है, बल्कि इसे ईको टूरिज्म के साथ भी जोड़ा जा सकता है।
तीन दिनी फैम टूर के पहले दिन ऑपरेटरों ने प्रयागराज में भारद्वाज आश्रम, अल्फ्रेड पार्क, संग्रहालय व खुसरो बाग का दौरा किया। उन्होंने इन स्थानों से बनारस के धार्मिक पर्यटन को जोड़ने के लिए संभावनाएं तलाशीं। अगले दिन वे चित्रकूट में राम दरबार, गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया से जुड़ी स्फटिक शिला, कामतानाथ मंदिर, पर्वत और हनुमान धारा पहुंचे। ऑपरेटरों ने यहां के पर्यटन अधिकारी से सभी धार्मिक स्थलों की सूची ली। इन स्थलों का रूट भी समझा। टूर ऑपरेटरों का दल अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि, राम की पैड़ी, हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, कनक भवन सहित विभिन्न पौराणिक क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए सरयू घाट पहुंचा। यहां होटल उद्यमियों व ट्रैवेल एजेंटों के साथ बैठक में काशी और अयोध्या के बीच पर्यटन सर्किट बनाने पर विचार-विमर्श हुआ। राहुल मेहता ने बताया कि सरकार और प्रशासन के साथ बैठक में आगे की कार्ययोजना पर चर्चा होगी।