वाराणसी। में 4 माह बाद आज से कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों की कक्षाएं शुरू हो गई है। इसे लेकर शिक्षकों के साथ ही छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों में भी उत्साह देखने को मिला। बीएसए ने सभी स्कूलों से कहा है कि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन हर हाल में कराया जाए। जिन स्कूलों में बच्चों की संख्याएं ज्यादा हैं वहां 2 पालियों में कक्षाएं चलाई जाएंगी, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कराया जा सके। बच्चे टिफिन, पानी, मास्क और नोटबुक एक-दूसरे से साझा न करें, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर होगी। गौरतलब है कि कक्षा 9 से 12वीं तक की कक्षाएं पहले ही शुरू हो सकी है।
इस साल 767 स्कूलों से हट जाएगी दरी
वाराणसी में एक और खास बात यह है कि मॉडल ब्लॉक सेवापुरी के सभी सरकारी स्कूलों की कक्षाएं अब स्मार्ट होंगी। साथ ही, इस माह के अंत तक सेवापुरी ब्लॉक के सभी उच्च प्राथमिक स्कूल डेस्क और बेंच की सुविधा से लैस होंगे। वाराणसी में बेसिक शिक्षा विभाग के 134 उच्च प्राथमिक स्कूलों में बिछाई गई दरी अब पूरी तरह से हटा ली गई है। उसकी जगह अत्याधुनिक डेस्क-बेंच लगाया जा रहा है। वहीं इसी साल के अंत तक बाकी के 633 स्कूलों में भी डेस्क-बेंच की व्यवस्था कर दी जाएगी। इस तरह से अब तक बेसिक शिक्षा विभाग के 1143 स्कूलों में से 510 स्कूलों में डेस्क-बेंच लगा दिया गया है। इसके साथ ही जिले के 110 स्कूलों में स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।
बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि वाराणसी के 954 स्कूल आपरेशन कायाकल्प के सभी 14 पैमानों पर बिल्कुल खरे उतरते हैं। 74 विद्यालयों में आपरेशन कायाकल्प के तहत काम जारी है। फिलहाल 124 स्कूलों में डेस्क-बेंच लगाया जा रहा है। जिला खनिज निधि से 30 स्कूलों में डेस्क-बेंच की सुविधा देने के लिए 55 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस माह के अंत तक सेवापुरी ब्लॉक के सभी स्कूलों में डेस्क-बेंच की सुविधा होगी। स्कूली सुविधा के पैमाने शुद्ध पेयजल, रसोई घर, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, दिव्यांग शौचालय, टाइल्स, हैंडवाश, ब्लैक बोर्ड, रंगाई-पुताई, विद्युत कनेक्शन आदि के आधार पर निर्धारित होंगे।
ऑपरेशन कायाकल्प से खत्म होगी स्कूलों की बदहाली
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों को बेहतर सुविधा मुहैया कराई जा रही है। सुंदरीकरण से पहले वाराणसी के सरकारी स्कूलों की बदहाली खत्म की जा रही है।
इस योजना के तहत सभी परिषदीय स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने के लिए अलग-अलग कंपनियों के सीएसआर फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें नालकों के सहयोग से 140 प्राथमिक विद्यालय, रुर्बन मिशन में 15 विद्यालय, विभाग द्वारा 155, एचडीएफसी के सहयोग से 16, विधायक निधि से 39 स्कूल और अन्य संस्थानों द्वारा 21 स्कूलों को डेस्क-बेंच सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।