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प्लाजमा देकर कईयों की जान बचाई

गोरखपुर। फिल्मी पर्दे पर आने वाले हीरो के लिए आपने खूब तालियां बजाईं होंगी, आज गोरखपुर के इन 4 युवाओं के लिए बजा सकते हैं। ये असली जिंदगी के हीरो हैं। इन्होंने 25 दिन के अंदर 400 से ज्यादा कोरोना मरीजों की मदद की है। वह भी ऐसे समय में जब अपने ही लोग अपनों का साथ नहीं दे पा रहे। ऐसे समय में ये चार युवा दिन-रात जरूरतमंदों की मदद में जुटे हैं। इनके नाम हैं सजल, वीरेंद्र, चंदन और ऋषि।

व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, फिर जुट गए लोगों की मदद करने

गोरखपुर के अलहदादपुर के रहने वाले सजल मेडिकल स्टोर चलाते हैं। बताते हैं कि कोरोना के पहले फेज में वह लोगों की मदद नहीं कर पाए थे। इस बार बड़ी संख्या में लोग उनसे मदद मांगने पहुंचे। किसी को दवा, तो किसी को बेड चाहिए होता था। किसी को ऑक्सीजन को किसी को प्लाजमा की जरूरत थी। शुरुआत में वह अपने हिसाब से जहां तक हो सकता था लोगों की मदद करते रहे, लेकिन जब जरूरतमंदों की तादात बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने जैसे कुछ और लोगों की तलाश शुरू कर दी।

फेसबुक पर पोस्ट डाला तो बड़ी संख्या में लोग दूसरों की मदद करने के लिए तैयार हो गए। फिर सजल ने एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया। इसका नाम ‘मिलकर भगाएंगे कोरोना’ रखा। देखते ही देखते इसमें 250 लोग जुड़ गए। इन्हीं में वीरेंद्र, चंदन और ऋषि भी थे। ये तीनों भी लोगों की मदद करने लगे। यहीं से चारों की दोस्ती भी हो गई।

अस्पताल में बेड हो या दवा, सबकुछ पहुंचाते हैं

सजल बताते हैं कि वह लोग गोरखपुर में कोरोना मरीजों को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, प्लाजमा और दवाइयां दिलाने में मदद करते हैं। अगर कोई आर्थिक रूप से कमजोर है तो उसे मुफ्त में दवाइयां भी देते हैं। उनके इस काम में आज और भी बड़ी संख्या में लोग जुड़ चुके हैं। हर कोई अपनी-अपनी तरीके से लोगों की मदद कर रहा है। इसके लिए अलग-अलग कई टीम बनी है।

कुछ युवा अस्पतालों में बेड की उपलब्धता को ट्रैक कर रहे हैं। इसी तरह कुछ युवा शहर में ऑक्सीजन कहां-कहां उपलब्ध हो जाएगी इस पर नजर रखते हैं। एक टीम कोरोना से ठीक होने वाले लोगों का डेटा तैयार करती है जिन्हें प्लाजमा डोनेशन के लिए प्रेरित किया जाता है। एक टीम दवाइयों पर काम करती है।

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