कानपुर। जिले में दवाओं के नकली सॉल्ट भेजकर लाखों की ठगी करने वाला शातिर अजय कुमार गुप्ता चपरासी और कर्मचारियों के नाम से अपनी फार्मा कंपनी चला रहा था। जांच में सामने आया है कि वह शेयर मार्केट की फर्म के अलावा एक केमिकल कंपनी भी चला रहा था। उसने अपनी केमिकल कम्पनी के मिलते-जुलते नाम से दूसरी कंपनी बनाई और ठगी को अंजाम दिया। दमन पुलिस ने इस मामले में नौ धाराएं बढ़ा दी है। साथ ही इस मामले में सामने आए अन्य नामों को लेकर जांच पड़ताल कर रही है।
करोड़ों का लेनदेन और खाते भी कर्मचारियों के नाम पर निकले
नानी दमन पुलिस थाना के एसआई हीरल पटेल ने बताया कि जांच में सामने आया है कि अजय कुमार गुप्ता की मूल फर्म पीएमएस स्टाक वेंचर्स के नाम से चल रही है। इसके अलावा उसने यूरो एशिया बायो केमिकल प्राइवेट लिमिटेड नाम से केमिकल कंपनी भी चला रहा है। दमन स्थित सॉफ्टेक फार्मा को सॉल्ट सप्लाई करने के लिए अजय कुमार ने यूरो एशिया केमिकल के नाम से दूसरी कंपनी बनाई और उससे नकली सॉल्ट सप्लाई कर दी। यह कंपनी उसके कर्मचारियों के नाम रजिस्टर्ड है। सिर्फ दमन की ही कंपनी नहीं कइयों कंपनियों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर चुका है। बैंक अकाउंट और करोड़ोें का लेनदेन में भी शातिर ने अपने कर्मचारियों का इस्तेमाल किया।
एफआईआर में जांच के बाद बढ़ाई गई धाराएं
एसआई हीरल पटेल ने बताया कि नानी दमन थाने में धोखाधड़ी और विश्वासघात की धारा में एफआईआर दर्ज की गई थी। नौ आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ने इस मुकदमें में धारा 464(इलेक्ट्रोनिक दस्तावेज को बेमानी से बदलना), 465(कूटरचना), 467(कीमती वस्तु के लिए फ्रॉड करना), 468(दस्तावेज की कूटरचना करना), 471(गलत दस्तावेज को सही जगह उपयोग करना), 472(फर्जी दस्तावेज बनाना), 473(फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल), 120बी (षड्यंत्र रचना) और 34 (कई लोगों द्वारा किया गया अपराध) बढ़ा दी है। इससे अब आरोपियों को जल्द जमानत नहीं मिल सकेगी।
पुलिस ने किया बरामद
- अलग-अलग अकाउंट की 80 से अधिक चेकबुक
- ठगी में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन
- लैपटॉप, कंप्यूटर
- अलग-अलग सरकारी कार्यालयों की रबर स्टैंप
- 58,200 रुपए कैश
यह है पूरा मामला
दमन की सॉफ्टेक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अफसर अजीत शर्मा ने नानी दमन थाने एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि कानपुर के कृष्णा टावर की पांचवी मंजिल पर मौजूद यूरो एशिया कंपनी को दवाओं के सॉल्ट का आर्डर दिया था। कंपनी ने सैंपल के लिए भेजा गया सॉल्ट तो सही भेजा लेकिन, दस लाख रुपए एडवांस लेने के बाद नकली नकली दवाओं का रॉ मैटेरियल भेज दिया था। इसके बाद दमन पुलिस ने कानपुर में छापेमारी करके नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर सभी को दमन ले गई थी।