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पार्क में कुत्तों का कब्जा, बहू की धमकी- प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं दिया तो उत्पीड़न का केस लगा दूंगी

लखनऊ।  कोई पार्क में कुत्तों के झुंड से परेशान होकर मॉर्निंग वॉक नहीं कर पा रहा है तो किसी की शिकायत है कि बहू तंत्र साधना करती है। बिस्तर पर लौंग रख देती है। लगता है कि वह हमें पागल करने के लिए ऐसा कर रही है। उत्तरप्रदेश के सीनियर सिटीजन सिक्योरिटी सेल पर रोजाना ऐसी शिकायतें आ रही हैं।

यूपी के सीनियर सिटीजन सिक्योरिटी सेल के मोबाइल नंबर 9454403882 पर आने वाली ऐसी ही शिकायतों को भास्कर ने जाना, समझा। यहां सबसे ज्यादा शिकायतें बहू-बेटों से प्रताड़ित होने की है। यहां हर गुरुवार को बुजुर्गों की समस्याओं की सुनवाई भी होती है। 1435 बुजुर्गों का यहां रजिस्ट्रेशन है। पुलिस अधिकारी बाकायदा इन्हें समय-समय पर फोन करके हाल भी जान रहे हैं।

बहू की धमकी- प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं दिया तो उत्पीड़न में फंसा देगी
लखनऊ के दुबग्गा में रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग की शिकायत है कि बहू धमकी दे रही है कि प्रॉपर्टी में हिस्सा दो, नहीं तो दहेज उत्पीड़न में फंसा देंगे। तुमको निकाल देंगे। शिकायत पर संबंधित थाने की पुलिस ने उनकी बहू को समझाया कि यदि अगली बार शिकायत मिली तो सबसे पहले उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

परेशान बुजुर्गों का फॉलोअप लेती है पुलिस
रजिस्ट्रेशन के समय बुजुर्ग शिकायतकर्ता का पूरा पता ऑनलाइन दर्ज किया जा रहा है। रजिस्टर्ड नंबर से फोन आते ही कंट्रोल रूम ( 112 व सीनियर सिटीजन सेल) में उनका पूरा ब्योरा सामने आ जाएगा। इससे पुलिस टीम तत्काल पीड़ित की मदद के लिए मौके पर पहुंच जाएगी।

हर थाने पर उपलब्ध हैं फॉर्म, बीट पुलिस करेगी निगरानी
सीनियर सिटिजन रजिस्ट्रेशन का फॉर्म हर थाने पर उपलब्ध है। इसके लिए बीट पुलिस को अपने इलाके में बुजुर्गों को भराने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं थाने पर आने वाले बुजुर्गों से भराने को कहा है। इसके साथ ही बीट सिपाही को क्षेत्र के सीनियर सिटीजन को चिह्नित कर उनका नाम-पता और मोबाइल नंबर एकत्र करने को कहा गया है। साथ ही समय-समय पर उनका हालचाल लेने को कहा गया है। वहीं कोई लापरवाही न हो इसके लिए सर्किल ऑफिसर (सीओ) और थाना प्रभारी रजिस्टर्ड बुजुर्गों से समय-समय पर फोन कर अपडेट ले रहे हैं।

बुजुर्गों को छोड़ने पर हो सकती है जेल, देना होगा जुर्माना
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम-2007 के तहत वरिष्ठ नागरिक का छोड़ना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। इसके तहत तीन महीने की कैद और पांच हजार रुपए का जुर्माना हो सकता है। इस तरह की शिकायत का निपटारा 90 दिन के भीतर संबंधित सेल व थाना को करना होता है। वहीं, कोर्ट ऐसे मामलों में बुजुर्गों को भरण पोषण के लिए 10 हजार रुपए तक प्रतिमाह भुगतान का आदेश दे सकती है।

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