वाराणसी। HBCNews.in
गंगा नदी में पॉलिथीन के कचरे का बोझ बढ़ता जा रहा है, मां गंगा की सेहत की दृष्टि से यह भारी नुकसान कर रहा है। गंगा की तलहटी में जमा पॉलिथीन नदी को बीमार कर रहा है, जिससे जलीय जंतुओं की सेहत भी खतरे में पड़ रही है। गंगा में पॉलिथीन का प्रवाह बंद करना होगा।
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लोग अपने साथ वजनी मोबाइल रख सकते हैं तो कपड़े का बैग भी रख ले तो पर्यावरण के लिए लाभकारी होगा। मां गंगा को पॉलिथीन से बचाने के लिए और पॉलिथीन मुक्त काशी के लिए यह बातें नमामि गंगे के सदस्यों ने राजा चेतसिंह घाट सहित अन्य घाटों पर कहीं। घाट पर बढ़ रही गंदगी का हवाला देते हुए गंगा घाटों पर पॉलीथिन का प्रयोग नहीं करने के लिए सभी से आग्रह किया गया। वेद पाठी बटुकों ने कपड़े का बैग लेकर काशी वासियों से पॉलिथीन का प्रयोग न करने की अपील की।
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पॉलिथीन मुक्त गंगा घाट अभियान का नेतृत्व करते हुए गंगा सेवक एवं नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि हमें खुद को बदलना होगा तभी चंहुओर स्वच्छता होगी। पॉलिथीन से हमें तौबा करना होगा। शहर में नाली व सीवर जाम की समस्या का सबसे बड़ा कारण पॉलिथीन है। बताया कि पॉलिथीन को गंगा जल में घुलने के लिए 100 वर्ष तक लग जाते हैं। हमें पॉलिथीन को ना बोलना होगा। जागरूकता के दौरान काशी प्रांत के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर संयोजक शिवदत्त द्विवेदी, महानगर सहसंयोजक शिवम अग्रहरी, सीमा चौधरी, रश्मि साहू आदि मौजूद रहे।