गोरखपुर। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है। वहीं पंचायत चुनाव खत्म होते ही क्राइम भी बढ़ने लगा है। गोरखपुर में चुनावी रंजिश में अपहरण के बाद सात साल के बच्चे की गला रेतकर हत्या कर दी गई। वह अपने परिवार का इकलौता बेटा था।
दो दिन से बच्चा था लापता
गोरखपुर में बांसगांव क्षेत्र के विशुनपुरवा गांव में 7 साल के बच्चे की गला रेतकर हत्या कर दी गई। शुक्रवार सुबह उसका शव घर से कुछ दूरी पर झाड़ियों में मिला। मंगलवार की शाम घर के बाहर खेल रहा मासूम आलोक अचानक गायब हो गया। घरवालों ने उसकी तलाश की लेकिन कहीं पता न चला। थक हारकर घरवालों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 2 दिन से पुलिस मासूम की तलाश कर रही थी। आज घर से कुछ दूरी पर झाड़ियों में बच्चे की लाश मिली।
रिश्वतेदारों का कहना है कि घर के सदस्य द्वारा प्रधानी का चुनाव लड़ा गया था। इस दौरान गांव के ही कुछ लोगों से कहासुनी हुई थी। जिसको लेकर उन्होंने धमकी भी दी थी। शक है कि इसी वजह से मासूम की हत्या हुई है। बच्चे के चाचा शिव कुमार का कहना है कि हमें कुछ नहीं पता किसने और क्यों हत्या की। किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। परिवार में कल चाचा के लड़के की शादी है। चुनाव संपन्न होने के बाद घर के सभी लोग शादी की तैयारी में लगे हुए थे। शिव कुमार ने रोते हुए कहा हम दो भाइयों के बीच आलोक ही घर का एक मात्र चिराग था।
थाना प्रभारी बांसगांव छवीनाथ सिंह का कहना है कि घरवालों ने दो दिन पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी। पुलिस बच्चे की तलाश कर रही थी। इसी दौरान झाड़ी में लाश मिलने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे। बच्चे की लाश झाड़ियों के बीच मिली। फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। जांच की जा रही है।