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सरकार को लिखा संदेश- शराबी माफ़िया से है जान को ख़तरा, मौत

पत्रकार की पुकार नहीं सुनी सरकार

प्रतापगढ़। जिले  में टीवी पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की हत्या कर दी गई है। परिजनों के मुताबिक सुलभ रविवार शाम को किसी खबर को कवर करने निकले थे। रात 11 बजे परिजनों को उनके साथ हुए हादसे की जानकारी मिली। जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो सुलभ की मौत हो चुकी थी। पहले पुलिस मौत को हादसा बता रही थी, लेकिन 16 घंटे बाद पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। घटना को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है। लिखा- ‘सरकार सोयी है, क्या सरकार के पास पत्रकार सुलभ के परिवार के आंसुओं का कोई जवाब है?

एक दिन पहले जताया था जान का खतरा

सुलभ की पत्नी रेणुका श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि सुलभ कई दिनों से शराब माफिया के खिलाफ खबर लिख रहे थे। जिससे शराब माफिया ने उन्हें धमकी भी दी थी। मौत से एक दिन पहले पत्रकार सुलभ ने पत्र लिख कर एडीजी प्रयागराज और एसपी प्रतापगढ़ से अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने अपनी जान का खतरा बताया था।

एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश ने भी माना है कि उनके वॉट्सऐप पर सुलभ द्वारा भेजा गया शिकायती पत्र आया था। उन्होंने कहा मामले की जांच की जा रही है।

खबर करके लौट रहे थे तब हुआ हादसा

बताया जा रहा है कि 13 जून को एटीएस और प्रतापगढ़ पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में एक अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। जिसकी कवरेज करने वह गए थे। कवरेज से लौटते समय कोतवाली के कटरा रोड पर ईंट भट्टे के पास सुलभ का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला। सिर में उनके चोट थी। सबसे पहले उनके पास उनके साथी पत्रकार मनीष पहुंचे। जो सुलभ को एंबुलेंस से हॉस्पिटल ले गए।

16 घंटे तक प्रतापगढ़ पुलिस बताती रही हादसा

13 जून की देर रात जब अस्पताल पहुंचे तब भी उन्होंने सवाल उठाए लेकिन पुलिस इसे हादसा ही बताती रही। सुलभ की पत्नी रेणुका के अनुसार पति का शव और उसकी हालत देख कर ही समझ आ गया कि हत्या को दुर्घटना साबित किया जा रहा है। जबकि शराब माफिया ने ही उनकी हत्या की है। रेणुका लगातार मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रही थी लेकिन स्थानीय पुलिस हादसा बता रही थी। आखिरकार 16 घंटे बाद पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।

प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट

14 जून की सुबह कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सुलभ की मौत का मामला ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा ‘सरकार सोयी है’। वहीं, पूरे प्रदेश में पत्रकार संगठनों में भी काफी उबाल देखने को मिला। कई जगह ज्ञापन दिए गए। जिसके बा सरकार दबाव में आई और फिर पत्रकार की संदिग्ध मौत को हत्या मानते हुए एफआईआर दर्ज की।

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