आगरा। जिले में प्रेम संबंधों के चलते लगातार हत्याएं हो रही हैं। शहर में हत्याओं का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ताजनगरी में बीते छह माह में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नापरवान चढ़ने वाले प्यार के फेर में कई महिलाएं पति का ही खून करवा बैठी हैं। इतना ही नहीं कई युवतियों की जान भी गई हैं। इनमें से कई की तो पहचान तक नहीं हो पाई है। हत्याओं के लिए महिलाओं को भी जेल भेजा गया है। इस तरह की घटनाओं के पीछे मनोचिकित्सक कई तरह के कारण बता रहे हैं।
मनोचिकित्सकों का कहना है कि ऐसे लोग जिसे प्यार समझते हैं, वह एक तरह का स्वार्थ होता है। इन सारी परिस्थितियों की वजह सोशल मीडिया का बढ़ता क्रेज है। मनोचिकित्सक की मानें तो सोशल मीडिया ने सब कुछ बेपर्दा कर दिया है। तमाम तरह की चीजें इस पर आसानी से कोई भी देख और समझ सकता है। हर हाथ में मौजूद महंगे मोबाइल से लोग तमाम अनावश्यक चीजें भी देख रहे हैं। धीरे-धीरे उनकी इच्छाएं बढ़ने लगती हैं और वह स्वार्थ को प्यार का नाम दे बैठते हैं। इससे उनमें साइकोटिक लक्षण आ जाते हैं फिर वो कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं।
पैरेंट्स को बच्चों पर नजर रखने की जरुरत
ऐसे हालात से बचने के लिए मनोचिकित्सक कई रास्ते भी बताते हैं। वो कहते हैं कि महिला हो या नई उम्र की युवती या फिर युवा लड़के और वयस्क पुरुष सभी को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। चूंकि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा तारीफ पसंद होती हैं और शुरुआत भी यहीं से होती है। महिलाओं व युवतियों को चाहिए कि जब कोई तारीफ करें या पसंद-नापसंद की बात छेड़े तो वहीं उन पर सतर्क हो जाएं। ऐसे युवकों या पुरुषों की बातों को नजरअंदाज करते हुए बगैर जवाब दिए हट लेना चाहिए,जब किसी से आप बात नहीं करेंगे और मौका नहीं देंगे तो वह करीब भी नहीं आएगा। इसके बाद भी कोई नहीं माने तो जानकारी घरवालों या पुलिस को दें। परिवार की जिम्मेदारियों को उठाने में व्यस्त अभिभावकों को चाहिए कि वह युवा बच्चों पर नजर रखें। बच्चों के परिवर्तित स्वभाव और उनकी आदतों को नियंत्रित करने की कोशिश करें। मनोचिकित्सक डॉक्टर अजय ने बताया कि प्रेम कभी भी जान लेने या देने की इजाजत नहीं देता। प्यार के नाम पर जो किसी की हत्या या सुसाइड करते हैं दरअसल वह प्यार करते ही नहीं। उनकी मनो स्थिति में साइकोटिक लक्षण आ जाते हैं। इससे बचने के कई रास्ते हैं जिस पर अमल करके जिंदगी और रिश्ते दोनों बचाए जा सकते हैं।
यह हैं कुछ प्रमुख घटनाएं
केस 1- सितंबर 2020 में ताजनगरी के थाना सिकंदरा पुलिस ने गुलाब सिंह उर्फ टल्ली हत्याकांड का खुलासा किया । हत्यारा कोई और नहीं बल्कि मृतक की पत्नी ही निकली। मृतक की पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया। हत्या को हादसे का रूप देने के लिए पत्थर से सिर पर वार करके शव को हाइवे के किनारे फेंक दिया गया था। पुलिस ने जब जांच पड़ताल की तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। पुलिस ने मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
केस 2- आगरा के थाना बासोनी क्षेत्र में गत 3 जनवरी को हुई हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने मृतक की पत्नी सहित उसके प्रेमी और दोस्त को भी गिरफ्तार किया था। पत्नी ने अपने ही पति की हत्या का ताना-बाना बुन दिया और पति की हत्या करा दी। आरोपी द्वारा हत्या कर उसे खेत में फेंक दिया गया और मृतक के पुत्र द्वारा थाने पर गांव के ही तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था।
केस 3- 8 जून 2021 में थाना सदर क्षेत्र में पति अवैध संबंधों में रोड़ा बना तो पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी प्रेमी मानसिंह, मृतक संजय की डेड बॉडी को बोरे में बंद करके नहर में फेंकने जा रहा था। लेकिन इसी बीच रास्ते में उसका पैर फिसला और बोरे से कत्ल की सच्चाई सामने आ गई। यानी संजय की डेड बॉडी बाहर निकल आई। मौके पर मौजूद लोगों ने माजरा समझते ही आरोपी प्रेमी मानसिंह को मौके पर पकड़ लिया। पुलिस ने मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी को जेल भेज दिया।
केस 4- 8 जून 2021 को थाना ताजगंज क्षेत्र में नगला कली में एक मकान के पीछे एक बोरे में शव मिला था। इसकी पहचान नरेश पुत्र सुरेशचन्द निवासी पुष्पाजलि होम्स नगला कली थाना ताजगंज के रूप में हुई थी। पुलिस ने इस मामले में जांच की तो हत्या में इसकी पत्नी के प्रेम प्रसंग का प्रकरण सामने खुलकर आया। पुलिस ने मृतक की पत्नी को गिरफ्तार किया तो उसने पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल किया है। नरेश की पत्नी ने रविकांत और उसके भाई शशिकांत के साथ मिलकर नरेश सिर पर ईंट से वार करके उसको मार दिया और उसके शव को बोरे में बंद करके एनआरआई सिटी के खाली प्लॉट में फेंक दिया। पुलिस ने पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
केस 5- फतेहपुरसीकरी क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर हाथ पैर बंधी अर्चित पचौरी की लाश मिलने का पुलिस ने सोमवार को खुलासा किया है। अर्चित की हत्या उसकी प्रेमिका के भाइयों ने बदनामी से बचने के लिए की थी।
इन लोगों की नहीं हुई पहचान
केस 1- बीती 30 मई को एत्मादपुर के झरना नाला के पास एक युवती की हाथ पैर बांध कर हत्या करने के बाद शव चादर में लपेटकर फेंका गया। महिला जींस और टी-शर्ट पहने हुए थी। पुलिस ने आस पास के जिलों में भी पहचान कराने का प्रयास किया लेकिन पहचान नहीं हो सकी।
केस 2- छह फरवरी को खंदौली क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा के पास एक 25 वर्षीय युवती का शव पड़ा मिला था। उसकी हत्या के बाद शव को जलाने का प्रयास किया गया था। उसके सिर पर चोट के निशान थे। पुलिस ने शव के पास मिली साड़ी और काले रंग की जैकेट को पहचान के लिए रखा था।
केस 3- बीती 27 मई को सिकंदरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत अंसल कोर्ट यार्ड के निकट जंगल में एक अज्ञात युवती की लाश मिली थी। हत्या सिर में प्रहार करके की गई थी। शव को जलाने का प्रयास किया था। पुलिस ने उसका स्केच बनवा कर आस पास के जिलों में भेजा पर अभी तक उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई।
केस 4- बीते 14 दिसंबर 2020 को सिकंदरा थाने के रुनकता के गांव बाबरपुर के पास हाईवे पर सड़क किनारे 60 वर्षीय महिला का शव पड़ा मिला था। उनके सिर में पीछे की तरफ चोट थी। वह गुलाबी रंग का सलवार सूट पहने थीं। पुलिस ने मृतका की पहचान के प्रयास किए मगर पहचान नहीं हो पाई।