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बढ़ी मुस्लिम जनसंख्या तो गाम्बिया बना इस्लामिक राष्ट्र, भारतवासी लें सबक: स्वामी आनन्द स्वरूप

बढ़ी मुस्लिम जनसंख्या तो गाम्बिया बना इस्लामिक राष्ट्र, भारतवासी लें गाम्बिया से सबक: स्वामी आनन्द
भरत मन्दिर सभागार में शंकराचार्य परिषद एवं भाग्योदय फाउण्डेशन की हिन्दू पंचायत सम्पन्न
सभा में बोलें तैफुल चतुर्वेदी, आज लोकतन्त्र बना हुआ है इस्लाम का टूल
राम महेश मिश्र ने कहा, ‘क्रांतिवीरों को याद करें जिनके बलिदान के कारण आजादी की ले रहे हो सांस
सभा में गूंजा, ‘जाति पांति की करो विदाई, हिन्दू-हिन्दू भाई-भाई’

ऋषिकेश। (HBC News)

तीर्थनगरी ऋषिकेश के भरत मन्दिर सभागार में हिन्दू पंचायत सम्पन्न हुई। शंकराचार्य परिषद द्वारा आयोजित पंचायत की अध्यक्षता करते हुए परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनन्द स्वरूप जी महाराज ने कहा कि दुनिया में जहां-जहां मुस्लिमों की जनसंख्या 50 प्रतिशत से ऊपर हुई, वह देश इस्लामिक राष्ट्र बन गए। अभी कुछ महीने पहले ही गाम्बिया नाम का गैर-इस्लामिक देश 52 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या होते ही विश्व का 56वां इस्लामिक राष्ट्र बन गया है। पीड़ा का विषय यह है कि भारतवासी अभी कत्तई चेत नहीं रहे हैं, अब हमें बिना देर किए चेतना होगा।

उन्होंने कहा कि आज अवसर है हिन्दुस्थान के साथ 1947 में हुए उस छल का बदला लेने का, जो कुछ षडयंकारियों ने हमारे हिन्दुस्थान को तोड़कर एक राष्ट्र इस्लाम के नाम पर बना दिया और दूसरे राष्ट्र को सेक्यूलर छोड़ दिया, ताकि आगे चलकर एक और इस्लामिक राष्ट्र, एक और ईसाई राष्ट्र इसमें से सेक्यूलरिज्म के आड़ में बनाया जा सके। भारत की जनता देर से ही सही लेकिन अब इस छल-छद्म को जान व पहचान चुकी है। अब हम फिर से छलने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है।

स्वामी जी ने कहा कि हिन्दू पंचायतों का आयोजन भारत को हिन्दू गणराज्य बनाने के लिए किया गया है। हम चाहते हैं कि यह राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र बने जिसका संविधान भगवदगीता बने। शंकराचार्य परिषद के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस मंच से सभी शंकराचार्यों से कहना चाहता हूं कि आप तो न्यायालयों में उलझ कर रह गए। पीठों के पुनर्गठन की जिम्मेदारी भी शंकराचार्य परिषद की होगी, क्योंकि यह हिन्दू प्राण जनता का जन संगठन है। उन्होंने भारतीय धर्मतन्त्र को एकजुट होकर राष्ट्र निर्माण के लिए आगे बढ़ने का आह्वान किया।
स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने समस्त हिन्दू समाज से एकजुट होने की अपील की और कहा कि हमारे शास्त्रों ने ‘जन्मना जायते शूद्रः संस्काराद्द्विज उच्चते’ कहकर संस्कारों की महत्ता बतायी है। संस्कारों के बल पर एक शुद्र भी ब्राह्मण बन सकता है और संस्कारहीन होने पर ब्राह्मण भी शुद्र बन सकता है। यह सुन्दर संरचना हमारे ऋषियों ने, हमारे वेद शास्त्रों ने, हमारे पूर्वजों ने की है। उसको छोड़कर हम सब जातिवाद के गन्दे खेल में फंस गए हैं।

स्वामी जी ने कहा कि भारतवर्ष को उस हानिकर खेल से निकालने के लिए ही ‘जाति तोड़ो-हिन्दू जोड़ो’ का महाअभियान शंकराचार्य परिषद ने चलाया है। उन्होंने इस श्रृंखला को पूरे देश में विस्तार देने की बात कही। इसके पूर्व उन्होंने विशिष्ट अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर पंचायत सभा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाई एवं पूर्व मेयर दीप शर्मा ने अतिथियों एवं उपस्थित जनसमुदाय का अभिनन्दन किया। मेयर ममगाई ने कहा कि किसी अभियान को जब मजबूत नेतृत्व मिल जाता है तब आधा कार्य पहले ही हो चुका होता है। आज स्पष्ट बोलने वाले व्यक्ति बहुत कम मिलते हैं, उन्होंने स्वामी आनन्द स्वरूप की गणना देश के मुखर, स्पष्टवादी व बहादुर संन्यासियों में की। उन्होंने कहा कि अब भारत को जगदगुरु और हिन्दू राष्ट्र बनाने से कोई रोक नहीं सकता। बस जरूरत है कि सनातनी समाज के लोग अब किसी भी लालच के शिकार न बनें।

प्रख्यात साहित्यकार एवं इस्लाम विशेषज्ञ विनय कृष्ण चतुर्वेदी ‘तुफैल’ ने इस्लाम की विस्तृत व्याख्या की और कहा कि कुछ सदी पहले भारत के आसपास के अनेक देश भारत (हिन्दुस्थान) का अंग थे। लम्बे संघर्ष के बाद आजाद भारत में साल 1947 में पुनः हम बंटे और हमारा हिस्सा इस्लामिक राष्ट्र बन गया, जिसका नाम पाकिस्तान रखा गया। उस समय पश्चिम पाकिस्तान में हिन्दुओं की संख्या 24 प्रतिशत थीं, आज वहां हिन्दू जनसंख्या मात्र 1 प्रतिशत रह गई है। इसी तरह पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बांगलादेश की जनसंख्या 29.7 से घटकर 8 प्रतिशत रह गई है। दुःख है कि हमारे भारतवासी इस पर चिन्ता व चिन्तन नहीं करते।

उन्होंने कहा कि कश्मीर से कुल 9 बार हिन्दुओं को मारकर भगाया गया है। आज के 30 साल पूर्व कश्मीर में तब हिन्दुओं का कत्लेआम हुआ, जब वहां कोई विदेशी सरकार नहीं थी बल्कि आजाद भारत की लोकतांत्रिक सरकार थी। आज लोकतन्त्र इस्लाम को बढ़ाने और अत्याचार करने का टूल बना हुआ है। श्री चतुर्वेदी ने कहा कि आज जब भारत के नौ प्रान्तों में हिन्दू बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक बन चुके हैं, तब हमें चेतना होगा और इन स्थितियों में तत्काल सुधार लाना होगा। अब स्वामी श्रद्धानंद बनकर शुद्धि अभियान चलाना होगा तथा अपने पूर्वजों के कुटुम्ब में वापस आने के इच्छुक भाई-बहिनों का उनके अपने सनातन समाज में अभिनन्दन करना होगा। उन्होंने इस्लामिक समस्या से बचने और उनमें निजात पाने के उपाय सुझाए।

भाग्योदय फाउण्डेशन के अध्यक्ष व संस्थापक आचार्य राम महेश मिश्र ने मुगलकाल से लेकर अंग्रेजों के काल तक के प्रमुख क्रांतिवीरों को श्रद्धापूर्वक याद किया। उन्होंने कहा कि उन्हीं के समर्पण एवं बलिदान के कारण आज हम भारतवासी आजादी की सांस ले रहे हैं। श्री मिश्र ने सभी हिन्दू जातियों व समूहों के एकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मुगलकाल हो या अंग्रेजी शासनकाल, देवभूमि के महावीरों के चलते वे गढ़वाल को कभी भी गुलाम नहीं बना सके। उन्होंने गढ़वाल की वीरांगना ‘नाक काटी रानी’ की बहादुरी की विस्तार से चर्चा की। पंचायत सभा का मुख्य मंचीय समन्वयन गीता भारद्वाज द्वारा किया गया।

इस मौके पर क्रान्तिधर्मी युवा एवं शंकराचार्य परिषद की राष्ट्रीय प्रवक्ता आयुषी राणा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर उत्तराखण्ड के पूर्व राज्यमन्त्री भगत राम कोठारी, संदीप गुप्ता, कृष्ण कुमार सिंघल, राजपाल खरोला, भरत मन्दिर के महन्त वत्सल प्रपन्नाचार्य, वरुण शर्मा, हर्षवर्धन शर्मा, मधु जोशी, रीना शर्मा, विजय लक्ष्मी शर्मा, नर्मदा सेमवाल, एडवोकेट संजय दरमोड़ा, उत्तराखण्ड उद्योग व्यापार संघ के अध्यक्ष इन्द्र प्रकाश अग्रवाल सहित ऋषिकेश के कई राजनैतिक प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। पंचायत सभा का समापन शंकराचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रवि शास्त्री के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इसके पूर्व चले प्रश्नोत्तर कार्यक्रम में जिज्ञासुओं के सवालों का समाधान स्वामी आनन्द स्वरूप तथा विनय कृष्ण चतुर्वेदी ‘तुफैल‘ ने किया।

हिन्दू पंचायत कार्यक्रम में धर्म जगत, अर्थ जगत, मनीषा जगत एवं राजनैतिक जगत की कई हस्तियों के अलावा शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोनिका आनन्द, शंकराचार्य परिषद के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष राजकिशोर यादव, परिषद के न्यासी व उद्योगपति नरेन्द्र खड़का, शंकराचार्य गुरुकुल संभाग के प्रतिनिधि डॉ सूरज शुक्ल, भाग्योदय फाउण्डेशन के न्यासी सचिव दिलीप कुमार नायक, एडवोकेट सुनीता शर्मा सहित ऋषिकेश स्थित विभिन्न आश्रमों के सन्त-महन्त, समाजसेवी, विभिन्न वर्गो के प्रतिनिधियों समेत कई गण्यमान व्यक्ति उपस्थित रहे। हिन्दू पंचायत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सुधी श्रोताओं ने भी भागीदारी की।

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