प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के स्वरूपरानी नेहरू (SRN) हॉस्पिटल में एक युवती के साथ ऑपरेशन थिएटर में गैंगरेप का मामला सामने आया है। युवती के आंत का ऑपरेशन होना था। बोल न पाने की स्थिति में उसने अपने भाई को लिखकर इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
उधर, हॉस्पिटल प्रशासन ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि युवती के ऑपरेशन में 8 लोगों की ड्यूटी लगी थी। इसमें 5 लेडी स्टाफ शामिल थीं। फिर भी मामले में युवती के भाई की शिकायत पर 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। ये कमेटी एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
युवती ने कागज पर लिखकर बताया दर्द
युवती के भाई ने बताया कि पीड़ित मिर्जापुर की रहने वाली है। उसे 31 मई की रात गंभीर हालत में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसके आंत का आपरेशन किया गया था। देर रात जब उसको वार्ड में छोड़ा गया तो वह कुछ कहना चाह रही थी, लेकिन बोल नहीं सकी। जब उसे कागज दिया गया तो उसने लिखकर बताया कि चार लोगों ने उसके साथ रेप किया है।
होश में नहीं थी युवती, नहीं दर्ज हो सका बयान
इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस के भी हाथपांव फूल गए। CO सत्येंद्र तिवारी खुद हास्पिटल पहुंच गए। पता चला कि पीड़ित बोलने की स्थिति में नहीं थी। ऐसे में उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका। उसके भाई ने जो आरोप लगाए हैं, उसकी सत्यता की जांच कराई जा रही है। हालांकि, CO ने बताया कि उसके परिवार के अन्य लोगों के भी बयान लिए गए पर वे दुष्कर्म के आरोप से सहमत नहीं हैं।
प्राचार्य बोले- आरोप बेबुनियाद, पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई
इस सनसनीखेज मामले की जानकारी जब प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह को दी गई तो वो भी परेशान हो गए। पहले तो उन्होंने इसे खारिज ही कर दिया और बोले यह आरोप बेबुनियाद है। ऑपरेशन थिएटर में आठ सदस्य थे, जिसमें पांच महिला स्टाफ भी शामिल थीं। वहां ट्रांसपेरेंट शीशा लगा हुआ है। ऑपरेशन थिएटर के बाहर उसके परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। फिलहाल मामले को सोशल मीडिया पर ट्रोल होते देख प्राचार्य ने वरिष्ठ चिकित्सकों की पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। जांच कमेटी में डॉ. वत्सला मिश्रा, डॉ. अजय सक्सेना, डॉ. अरविंद गुप्ता, डॉ. अमृता चौरसिया और डॉ. अर्चना कौल शामिल हैं।