अमेठी। उत्तर प्रदेश के अमेठी में पंचायत चुनाव के मतों की गिनती में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां मतगणना में उन बूथों को भी शामिल कर लिया गया जो वार्ड में थे ही नहीं। नतीजा परिणाम घोषित होने के 6वें दिन शनिवार को जीता उम्मीदवार हार गया। प्रशासन ने उस वक्त हारे प्रत्याशी को जीत का प्रमाण पत्र दिया। मामला वार्ड-28 का है। अब इस मामले में सियासत शुरू हो गई। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा, घोर कलियुग है। प्रशासन भी सरकार की तर्ज पर काम कर रहा है। मगर जनता कह रही है कि वह 2022 में भाजपा को सत्ता में लाने की गलती नहीं करेगी।
कर लो जिनती गलती करनी है
अखिलेश यादव ने लिखा, उत्तर प्रदेश अमेठी में प्रशासन द्वारा कुछ दिनों बाद चुनाव परिणाम ये कहते हुए बदल दिया गया कि गलती से दूसरे वार्ड के वोट के गिन लिए गए थे। ये घोर कलयुग है। भाजपा सरकार से जनता कह रही है कर लो जितनी गलती करनी है, पर अब 2022 में हम गलती नहीं करेंगे।
नीलम यादव जीतकर हार गईं
दरअसल, शनिवार को प्रशासन ने वार्ड नंबर 28 से कृष्णा चौरसिया पत्नी घनश्याम चौरसिया को जिला पंचायत सदस्य के पद की जीत का प्रमाण पत्र जारी किया। वे 228 वोटों से जीतकर जिला पंचायत सदस्य बनी हैं। इससे पहले प्रशासन ने नीलम यादव को विजयी घोषित किया था। उन्हें 4 मई को प्रमाण पत्र दिया गया था।
परिसीमन से अलग बूथों की हुई गिनती, कई छूटे
DM अरुण कुमार ने बताया कि वार्ड नंबर 28 में कृष्णा चौरसिया ने दोबारा काउंटिंग और जांच कराए जाने की मांग की थी। इस पूरे मामले की जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को सौंपी गई थी। जांच के दौरान पाया गया कि ब्लॉक अमेठी के निर्वाचन अधिकारी ने 8 बूथों को मतगणना में शामिल नहीं किया। कुछ अन्य बूथ शामिल कर लिए, जो वार्ड में थे ही नहीं। जबकि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन में ये सब बातें शामिल थीं।
इस संबंध में निर्वाचन अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उन्होंने कोई सटीक जवाब नहीं दिया। उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग को लिखा गया है।