वाराणसी। जिले के लोगों के लिए राहत की एक बड़ी खबर है। खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं जीवदायिनी गंगा का पानी शुक्रवार की भोर से 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे कम होना शुरू हो गया है। बुधवार को गंगा का जलस्तर 72.32 मीटर दर्ज किया गया था और इसके बाद गंगा स्थिर हो गई थी। शुक्रवार को केंद्रीय जल आयोग की ओर से बताया गया कि सुबह 9 बजे गंगा का जलस्तर 72.25 मीटर था। वाराणसी में गंगा के जलस्तर का खतरा निशान 71.26 मीटर और बाढ़ का उच्चतम बिंदु 73.90 मीटर है।
2016 और 2013 जितना जलस्तर नहीं पहुंचा
वाराणसी में बीते 4-5 दिनों से गंगा ने आमजन के साथ ही प्रशासन की धुकधुकी बढ़ा दी थी। बाढ़ से हालात इस कदर बिगड़ गए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को फोन कर स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और राहत शिविरों का निरीक्षण किया। हालांकि गुरुवार से ही गंगा स्थिर भी होना शुरू हुईं और जलस्तर साल 2013 या 2016 तक नहीं पहुंचा। इससे पहले गंगा का जलस्तर 2019 में 71.95 मीटर, 2016 में 72.65 मीटर, 2013 में 72.63 मीटर और 1978 में 73.901 मीटर तक पहुंचा था।
अब क्या चुनौतियां हैं, समझें 9 प्वाइंट्स में
- बाढ़ प्रभावित इलाकों में संक्रामक रोग न फैलें, इसके लिए दवाओं के वितरण के साथ ही नियमित फागिंग करानी होगी।
- बाढ़ का पानी बह जाएगा तो गंगा किनारे के सामने घाट व नगवां क्षेत्र की 8 कॉलोनियों, रमना व मदरवा गांव और चौबेपुर के ढाब क्षेत्र के दर्जन भर गांवों में सिल्ट की सफाई पर गंभीरता से ध्यान देना होगा।
- वरुणा नदी के किनारे के तकरीबन 30 मुहल्लों में साफ-सफाई के प्रति गंभीरता बरतने के साथ ही संक्रामक रोगों को न फैलने देने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे।
- बाढ़ से बचे शहर के मुहल्लों में हो रही दूषित पेयजल आपूर्ति के सुधार के लिए गंभीर प्रयास के साथ ही साफ-सफाई पर गंभीरता से ध्यान होगा।
- पलायन करने वाले लोग जब तक वापस अपने घर न आ जाएं, तब तक चोरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस की गश्त बढ़ानी होगी।
- बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे लोगों के भोजन की शुद्धता, पानी और स्वास्थ्य की नियमित मॉनिटरिंग करते रहना होगा।
- बारिश और बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत कराना बहुत जरूरी है।
खराब हो चुकी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के लिए गंभीर प्रयास की जरूरत है। - फिलहाल गंगा में नौकायन न हो, इसके लिए पुलिस को अतिरिक्त सतर्कता के साथ निगरानी करनी होगी।
बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ प्रशासन है
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि गंगा और वरुणा के जलस्तर के साथ ही हम बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना मानीटरिंग कर रहे हैं। बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, यह हमारी शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। जिले के गांवों में फसलों के नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है। जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ हर कदम पर मजबूती के साथ खड़ा है। किसी को भी कहीं दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। उप जिलाधिकारियों, तहसीलदरों, नायब तहसीलदारों और विकास खंड अधिकारियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मियों को समझाया गया है कि वह बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ संवेदनशील रवैया अपनाएं।