वाराणसी। वाराणसी के जैतपुरा स्थित नागकूप में दर्शन करने से कालसर्प योग से मुक्ति मिलती है। शुक्रवार की सुबह से ही मंदिर और नागकुंड में भक्तों की भीड़ उमड़ी है। कई भक्त नागकुंड में पुण्य की डुबकी भी लगा रहे हैं। मंदिर सुबह की आरती के बाद भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया था। दर्शन करने का क्रम देर रात तक जारी रहेगा। इसके अलावा नागपंचमी पर कोरोना के कारण इस बार लगातार दूसरे साल ऑनलाइन शास्त्रार्थ होगा। इस शास्त्रार्थ में देश भर के वेदांत और न्याय दर्शन के विद्वान व छात्र शामिल होंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी ने बताया कि पंचमी तिथि 12 अगस्त की दोपहर 3:34 बजे से शुरू हो गई थी। पंचमी 13 अगस्त की दोपहर 1:46 बजे तक रहेगी। इस बार नागपंचमी पर अमृत योग और नंदा सिद्ध योग का संयोग बन रहा है, जो अपने आप में बेहद खास है। जिस किसी की भी कुंडली में कालसर्प दोष हो उसके लिए इस दिन सांप पूजन का विशेष महत्व है।
अपने घर के दरवाजे पर गोबर के सांप बनाकर उनकी पूजा कुशा, अक्षत, दही, फूल, दूर्वा, गंधक, मालपुआ और मोदक से करने के साथ ही ब्राह्मणों को भोजन करा कर व्रत रखने से घर में सांपों के आने की आशंका नहीं रहती है। नागपंचमी पर सांपों की पूजा से कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है।