वाराणसी। पूर्व मंत्री श्री अजय राय ने कहा की श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र स्थित अक्षयवट हनुमान मंदिर स्थित विशाल अक्षयवट वृक्ष को ढहाना निंदनीय कार्य है।यह परम्परागत मूलतः काशी से छेड़छाड़ हो रहा है। वृक्ष को संरक्षित करने के बजाए वृक्ष को ढहाना यह अनुचित कदम है।लगातार काशी की परंपरागत चीजो को नष्ट किया जा रहा है। पहले कॉरिडोर के नाम पर मंदिरों को उजाड़े और अब अक्षयवट वृक्ष को उखाड़ दिए।अक्षयवट वृक्ष पूरे भारत वर्ष में तीन जगह पर विराजमान है। काशी, गया और प्रयाग। अक्षयवट वृक्ष की सनातन संस्कृति,पुराणों में बहुत मान्यता है।आखिरकार परम्परा को नष्ट कर यह कौन सी काशी का निर्माण करना चाहते है? यह सरकार बुद्धिहीन-संवेदनहीन हो गयी है हम काशीवासियों के आस्था पर लगातार कुठाराघात हो रहा है।
महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा की अक्षयवट वृक्ष मात्र 8 स्क्वायर फिट की जगह लिए था। बिल्कुल साइड में था, इसके कारण कहीं कोई बाधा नहीं आ रह थी, पर फ़िर भी पता नहीं क्यों इस दैवीय वृक्ष को गिरा दिया गया? वृक्ष लगाया एक भी नहीं पर ढहाया कई गया।कुदरत का कहर कम था जो दैवीय आपदा को आमंत्रित कर रही सरकार? यह आघात काशी की पुरातन संस्कृति पर हुआ है। समस्त कांग्रेस जन इस प्रकरण की निंदा करते है।काशी के पुरातन संस्कृति धरोहर पर आघात बन्द हो।