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तीन तलाक कानून की दूसरी वर्षगांठ पर दिल्ली में आयोजित हुआ कार्यक्रम, काशी की हुमा ने किया बनारस का प्रतिनिधित्व

वाराणसी। मुस्लिम महिलाओं के हक़ की आवाज़ बुलंद करते हुए भाजपा सरकार ने दो साल पहले तीन तलाक का कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को तलाक के रूप में दिया जाने वाले अज़ाब (यात्ना) को खत्म कर दिया। इसी तलाक के कानून की दूसरी वर्षगांठ पर दिल्ली में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की सदारत में हुक़ुक़े ख्वातीन दिवस मनाया गया। इस प्रोग्राम में बनारस के प्रतिनिधित्व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की काशी क्षेत्र मीडिया प्रभारी हुमा बानों ने किया।

इस दौरान हुमा बानों ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को चादर ओढ़ाकर सम्मानित भी किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, केंद्रीय बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, कृषि मंत्री भूपेंद्र यादव, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग वाइस चेयरमैन आतिफ रशीद, एचआरडी मंत्रालय के सदस्य यासिर जिलानी साहब और दिल्ली प्रदेश अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष कारी मोहम्मद हारून मौजूद रहे।

इस मौके पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री का जो समावेशी विकास है और वह समाज के आखरी पायदान पर खड़े लोगों तक की है। तीन तलाक का क़ानून 1 अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री ने इस कानून को जारी किया। इससे तीन तलाक की जो कुप्रथा थी वह ख़त्म हो गयी। मुस्लिम महिलाओं को राहत तो मिली ही है उन महिलाओं को भी राहत मिली है जो इससे परेशान थीं और घुट-घुट के जी रहीं थीं। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ‘न हमसफ़र न किसी हमनशीं से निकलेगा, हमारे पांव का कांटा हमीं से निकलेगा।’ उसी तर्ज पर आज सरकार चल रही है।

वहीं इस कार्यक्रम में वाराणसी की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रहीं हुमा बानों ने कहा कि दो साल पहले हम मुस्लिम महिलाओं को तलाक की विभीषिका से बचाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कानून लाया वो एक मिसाल है। इस कानून के आने के बाद तीन तलाक के मामले खत्म से हो गए हैं। औरते खुली हवा में सांस लेने को आज़ाद हैं।

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