लखनऊ। एयरपोर्ट पर ग्राउंड से लेकर केबिन क्रू और एटीसी तक इस बात की जांच होगी कि कोई नशे में तो नहीं। इसके लिए 16.42 लाख खर्च कर के ब्रेथ एनलाइजर खरीदे जा रहे हैं। रैंडम आधार पर 15 फीसदी कर्मचारियों की चेकिंग होगी।डीजीसीए की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी हो चुके हैं।सभी कर्मचारियों का रैंडम आधार पर ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट करने का निर्देश है।
इसमें पांच फीसदी कर्मचारी विमान के कॉकपिट के होंगे जिनका रैंडम चेक होगा। इसके अलावा मेन्टेनेंस और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के कर्मचारियों का भी टेस्ट रोजाना होगा। जांच टीम को पीपीई किट पहननी होगी। यदि कोई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव है तो उसका यह टेस्ट नहीं लिया जाएगा। इस टेस्ट की सीसीटीवी से निगरानी होगी। कोविड के कारण कर्मचारियों का कहना था कि एक ही मशीन से कई लोगों का टेस्ट कोरोना संक्रमण फैला सकता है। जब विरोध बढ़ गया तो उस समय डीजीसीए और एयरपोर्ट अथारिटी ने अपने हाथ पीछे खींच लिए। क्योंकि यही विरोध देश के अन्य हवाई अड्डों पर भी हुआ।