उत्तर प्रदेश लेटेस्ट न्यूज़

महिलाएं योजनाओं का लाभ उठाएं, जीवन को बेहतर बनाएं : प्रमुख सचिव

महिलाएं योजनाओं का लाभ उठाएं, जीवन को बेहतर बनाएं : प्रमुख सचिव
महिलाओं के पूरे जीवन काल को ध्यान में रखते हुए बनती हैं योजनाएं
लिंगानुपात में आया बड़ा सुधार बदलाव की सही दिशा का संकेतक
परिवार चलाना सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी न बने : निदेशक
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ‘अनंता’ कार्यक्रम आयोजित
लखनऊ, 08 मार्च – 2022 । अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगलवार को महिला कल्याण विभाग के तत्वावधान में आयोजित ‘अनंता’ कार्यक्रम (वेबिनार) में प्रदेश की 10 महिलाओं ने संघर्ष का सामना कर सफलता प्राप्त करने की अपनी कहानी को सुनाकर हर किसी का दिल जीत लिया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रमुख सचिव -महिला एवं बाल विकास अनीता सी मेश्राम ने कहा कि सरकार की जो भी कल्याणकारी योजनाएं तैयार की जाती हैं, उनमें महिला हितों को पूरी तरजीह दी जाती है । यही कारण है कि महिलाओं के पूरे जीवन काल को ध्यान में रखते हुए उनके उत्थान के लिए कई योजनाएं हैं, महिलाएं उन योजनाओं का लाभ उठाएं और अपने जीवन को बेहतर बनाएं ।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव ने कहा कि गर्भस्थ शिशु के बेहतर ख्याल के लिए जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना है तो प्रारम्भिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के लिए कन्या सुमंगला योजना है । कमजोर वर्ग की बेटियों की शादी में आर्थिक मदद की भी व्यवस्था है। इसके अलावा निराश्रित महिलाओं की मदद के लिए पेंशन आदि की भी व्यवस्था है । उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिंगानुपात में आए बड़े सुधार को महिलाओं की स्थिति में आने वाले बदलाव के रूप में देखा जा सकता है । वर्ष 2015-16 में जहां 1000 प्रति पुरुष पर औसतन 995 महिलाएं थीं वहीं राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे – 2019-21 के मुताबिक वह बढ़कर 1017 हो गईं हैं । उन्होंने वेबिनार में शामिल प्रदेश भर की महिलाओं के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि उनकी संघर्ष भरी दास्तान अन्य महिलाओं के आगे बढ़ने की राह को आसान बना सकेगी ।
इस अवसर पर निदेशक-महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने कहा कि आज भी परिवार की पूरी जिम्मेदारी निभाने का भार महिलाओं के कंधों पर डाल दिया जाता है । यही कारण है कि पुरुषों की अपेक्षा करीब 23 फीसद ही कामकाजी महिलाएं हैं । उच्च पदों की बात की जाए तो पुरुषों की तुलना में एक-दो फीसद महिलाएं ही उच्च पदों पर आसीन है । इसलिए इस सोच को बदलना जरूरी है कि परिवार चलाना सिर्फ महिला की जिम्मेदारी है, इस जिम्मेदारी के चलते ही वह नौकरी की राह को छोड़ने को मजबूर होती हैं । उन्होंने कहा कि महिलाओं ने आज हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है और बंधनों को तोड़कर असीमित संभावनाओं को कायम किया है । प्रदेश की इन्हीं महिलाओं को आज सम्मानित किया जा रहा है ताकि अन्य महिलाएं इनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन को बेहतर बना सकें । महिलाएं इनकी तरह अपनी ताकत को पहचानें और संघर्ष का सामना कर सफलता की राह को पाएं ।
दस महिलाओं को ‘अनंता’ सम्मान :
महिला कल्याण विभाग ने महिला दिवस पर प्रदेश की उन 10 महिलाओं को ‘अनंता’ सम्मान से नवाजा, जिन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए आज एक बेहतर मुकाम पर हैं और सैकड़ों अन्य किशोरियों व महिलाओं की मददगार बनी हुई हैं । इनमें शामिल रहीं सहारनपुर की रश्मि टेरेंस, महराजगंज की सरस्वती यादव, हाथरस की रेनू रावत, हापुड़ की डॉ. निशा रावत, चित्रकूट की माया देवी, मिर्जापुर की अजीता श्रीवास्तव, मुरादाबाद की शिखा गुप्ता, बांदा की रूबी जैनब, गाजियाबाद की नीलम त्यागी और इटावा की डॉ. प्रीति पाण्डेय ।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *