अलीगढ़। जिले में दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां नगला मंदिर क्षेत्र में 15 दिनों से भूख से तड़प रहे 6 लोगों के परिवार को रेस्क्यू किया है। सामाजिक संगठन ‘हैंड फॉर हेल्थ’ के सदस्य जब पीड़ित के घर पहुंचे तो एक महिला और 5 बच्चे छटपटाते हुए मिले। इन लोगों में इतनी भी ताकत नहीं बची थी कि कुछ बोल सकें। संगठन के लोगों को देखते ही सभी रोने लगे। तुरंत पुलिस और प्रशासन की मदद से सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर, डीएम ने नगला मंदिर के ग्राम प्रधान और राशन डीलर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
पति की मौत के बाद मजदूरी करके बच्चों का पालन कर रही थी महिला
अलीगढ़ के नगला मंदिर क्षेत्र में रहने वाली गुड्डी देवी के पति बिजेंद्र कुमार की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। वह मजदूरी करके अपने 5 बच्चों की देखभाल करती थीं, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनका रोजगार भी छीन गया। किसी तरह कुछ दिन तक महिला ने घर का खर्च चलाया। फिर जब पैसे खत्म हो गए तो आस-पास के लोगों से मांगकर कुछ दिन बच्चों का पेट भरा, लेकिन बाद में आसपास के लोगों ने भी मदद देने से इंकार कर दिया। पिछले 15 दिनों से महिला अपने बच्चों के साथ भूखे रह रही थी। घर में खाने के लिए कुछ नहीं था। केवल पानी पीकर पूरा परिवार मौत से जंग लड़ रहा था।
मोहल्ले के लोगों ने सामाजिक संगठन को बुलाया
कई दिनों तक जब गुड्डी और उसके बच्चे घर से नहीं निकले तो पड़ोसियों ने इसकी सूचना सामाजिक संगठन ‘हैंड्स फॉर हेल्प’ को दी। संगठन के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार अपने संस्थान के सदस्यों के साथ बुधवार की रात गुड्डी देवी के घर पहुंचे। यहां से बच्चों समेत गुड्डी सिंह को मलखान सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया और राशन भी दिया।
सरकार के दावों की खुल गई पोल
उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि लॉकडाउन के दौरान करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन और मनरेगा में काम दिया गया। अलीगढ़ से सामने आई इस तस्वीर ने सरकार के दावों की पोल खोल दी। पीड़ित परिवार के पास न तो राशन कार्ड है और न ही आधार कार्ड। जबकि प्रशासन दावे कर रहा था कि लॉकडाउन में हर परिवार तक राशन पहुंचाया जा रहा है। मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारी गुरुवार की सुबह अस्पताल पहुंचे और परिवार की सुध ली। जिला आपूर्ति अधिकारी राजेश कुमार सोनी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही गुड्डी का राशन कार्ड बन जाएगा। इसके साथ ही परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड भी बनवाया जाएगा। CMO डॉ. बीपी सिंह, तहसीलदार, सप्लाई इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ने भी परिवार से मिलकर उनका हाल जाना।
कंकाल बने बच्चे, लोगों की आंखों में आए आंसू
भूख के कारण बिलबिला रहे इस परिवार को देखकर हर किसी की आंखों में आंसू आ गए। प्रशासन के दावों को खोखला साबित करने वाले इस परिवार के बच्चे कंकाल में बदलते जा रहे थे। पेट और पीठ के बीच का फासला कम होता जा रहा था और शरीर के अंदर की सारी हड्डियां नजर आ रही थी। जिसके बाद सामाजिक संगठनों ने भी पीड़ित परिवार को सहायता दी।
अस्पताल में लगी मदद करने वालों की लाइन
मामला प्रकाश में आने के बाद समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गिरीश यादव अपने कार्यकर्ताओं के साथ पीड़ित परिवार के साथ जिला अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता की। इसके साथ एक अन्य संस्था ने इस परिवार को दो महीने का राशन मुहैया कराया है।