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भारतीय जनता पार्टी के राज में बेटियाँ सुरक्षित नहीं, पुलिस प्रशासन भी नहीं दे रहा साथ- पूजा यादव

वाराणसी। समाजवादी पार्टी की महिलासभा अध्यक्ष पूजा यादव के वाहन को विगत दिनों धक्का मारने एवं अभद्र व्यवहार करने एवं जान से मारने की धमकी देने के सम्बन्ध में आज पराड़कर भवन मे पत्रकार वार्ता के माध्यम संक्षिप्त वार्ता मे कहा कि विगत दिनों मेरे साथ हुए घटना की समस्त प्रकरण को समाजवादी पार्टी का प्रतिनधिमंडल सपा महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा के नेतृत्व में पुलिस उपायुक्त काशी जोन अमित कुमार से 23 जून को मिला था, जिसके उपरांत 29 जून वह व्यक्ति पुनः उसी सफारी (UP65 CF 0707) रथयात्रा पे दिखा तो हमने तत्काल थानाध्यक्ष को सूचना दी।

पुलिस ने काफी तत्परता दिखाते हुए आरोपी को खोज निकाला। और हमें पहचान करने के लिए थाने बुलवाया। जब मैं वहाँ पहुँची तो वहँ आरोपी नहीं था। मेरे पूछने पर थानाध्यक्ष कहते हैं अभी बुलवा रहा हूँ। 2 घंटे इंतजार के बाद आरोपी आया जिसका पहचान हमने करके बताया की यही वह व्यक्ति है।आरोपी का नाम है सत्यप्रकाश सिंह निवासी भेलूपुर जिन्होंने समाजवादी पार्टी की महिलासभा अध्यक्ष पूजा यादव का वाहन रोककर गाली गलौज किया था व जाते जाते जान से मारने की धमकी भी दी थी की “अगर तुम महिला नही होती तो गोली मार देता”।
यह घटना दिनांक 22 जून को सायं की है जिसपर अब मुकदमा भी लिखा जा चुका है।
आरोप यह है कि पुलिस ठीक प्रकार से कार्यवाही नही कर रही है ऐसा प्रतीत हो रहा कि पुलिस पर दबाव है, आरोपी सत्यप्रकाश सिंह ने दबाव बनाया है। आरोपी को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है, ये सत्ता संरक्षित गुण्डे हैं।

पूजा यादव ने बताया कि बीच सड़क में आरोपी मेरी गाड़ी को धक्का मारते हुए,मेरी गाड़ी को ओवरटेक कर के आगे आता है और नशे में धुत होकर गाली गलौज करता है, जान से मारने की धमकी देता है और मुकदमा दर्ज होता है सिर्फ 504 व 506 में।
पूजा यादव ने कहा कि इस संधर्भ में सपा महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा व महानगर उपाध्यक्ष अनील सिंह पटेल के साथ एसीपी दशास्वमेघ ए०के० पाण्डेय व इंस्पेक्टर लक्सा महातम यादव से बात करने उनके दशास्वमेघ कार्यालय पहुँची तो इंस्पेक्टर का कहना है कि आरोपी मांफी माँग रहा है, वहीँ एसीपी साहब भी समर्थन में हैं कि आप मांफ कर दीजिए व एसीपी पाण्डे जी स्वंय आरोपी की तरफ से मांफी मांग रहे हैं और कहते हैं कोई सी सी टी वी फुटेज नही है आप लोगों के विवाद का तब कैसे सिद्ध होगा कि ये सब हुआ और जब 323 धारा लगाने की बात हुई तो बोले कि वो नही लग सकता, असलहा से आरोपी ने धमकी नही दिया है नही पाया गया है, जब पूछा गया कि आरोपी तो धमकी देने के बाद भी खुलेआम घूम रहा है तो इंस्पेक्टर महातम यादव बोले कि घूमेगा नही तो क्या जेल में रहेगा।

इससे साफ जाहिर होता इसमें पुलिस की भूमिका भी आरोपी के साथ संदिग्ध नजर आ रही है अब इसमें सोचने की बात ये है कि इंस्पेक्टर और एसीपी रैंक के अधिकारी जनप्रतिनिधियों से क्या इस प्रकार से बात कर सकते हैं,क्या इस प्रकार का रवैया ठीक है? अगर आरोपी के पास असलहा रहा होता या गोली चली होती तभी आरोपी गिरफ्तार होता या धारा 323 लगाया जाता। अगर जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा हो सकता है तो आम आदमी के साथ क्या कुछ नही होता होगा। क्या इसी तरह आम जनता को न्याय दिलाती है पुलिस।

प्रेस कांफ्रेंस में समाजवादी पार्टी के शिक्षक एमएलसी लाल बिहारी यादव, महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा , जावेद अंसारी (महानगर अध्यक्ष अल्पसंख्यक सभा), महानगर मीडिया प्रभारी संदीप शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।

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