वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज वाराणसी के दौरे पर जाएंगे। वे दोपहर में पहुंचेंगे। यहां प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे करने के बाद मुख्यमंत्री बाढ़ राहत शिविरों का निरीक्षण करेंगे। प्रभावित लोगों की प्रशासन सही तरीके से मदद कर रहा है या नहीं, इस बारे में मुख्यमंत्री राहत शिविरों में रह रहे लोगों से फीडबैक लेंगे। शाम के समय सर्किट हाउस में विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री यहीं रात्रि विश्राम करेंगे।
1 दिन पहले प्रधानमंत्री ने फोन कर जाना था हाल
वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर बह रही हैं। गंगा में बाढ़ के चलते पलट प्रवाह के कारण वरुणा भी उफान पर है। इसके अलावा असि, गोमती, नाद और कैथी नदी में बाढ़ है। इसे देखते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को फोन कर जिले में बाढ़ के हालात की जानकारी ली थी। प्रधानमंत्री ने राहत और बचाव कार्य में किसी भी स्तर पर कमी न आने देने की बात कही थी। इसके साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी से कहा था कि जब जैसी मदद की आवश्यकता हो तत्काल बताएं। लखनऊ और नई दिल्ली 24 घंटे मदद के लिए तत्पर मिलेंगे।
प्रशासनिक महकमे की चिंता, कोई कमी न रह जाए
वाराणसी में साल 2019 में बाढ़ आई थी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां आए थे। उस दौरान मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और राहत शिविरों का निरीक्षण कर राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया था। इसे देखते हुए प्रशासनिक महकमा राहत शिविरों से लेकर बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पूरे जोर से जुटा हुआ है। अफसरों को इस बात की चिंता है कि कहीं कोई कमी न रह जाए और बाढ़ प्रभावित लोग मुख्यमंत्री से कोई शिकायत न करें। इसके मद्देनजर बाढ़ प्रभावित इलाकों में तेजी से राशन किट वितरित करने के साथ ही राहत शिविरों में भी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की सहूलियतों का ध्यान रखने के लिए मजिस्ट्रेटों के नेतृत्व में सरकारी कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को राहत सामग्री देने के लिए अलग टीम बनाई गई है। सरकारी कर्मियों और अफसरों को समझाया गया है कि आपदा के इस समय में ड्यूटी में लापरवाही करने वाले किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे।