वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भोलेनाथ के जलाभिषेक की पुरानी परंपरा रविवार से फिर शुरू हो गई। कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर के कारण बीते अप्रैल महीने से भक्तों के जलाभिषेक पर पाबंदी लगी हुई थी। संक्रमण का असर कम हुआ और बीते 8 जून को बाबा दरबार भक्तों के लिए खोला गया था, तब भी झांकी दर्शन की ही व्यवस्था की गई थी। बाबा को जलाभिषेक करने की अनुमति मिलने से भक्त काफी खुश दिखे।
मंगला आरती के बाद गर्भ गृह में मिलेगा प्रवेश
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मंदिर में पूर्व की व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसके तहत अब रोजाना मंगला आरती के बाद श्रद्धालु गर्भ गृह में प्रवेश कर बाबा को जल चढ़ा सकेंगे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि काशी वासियों की बाबा के प्रति अटूट श्रद्धा और उनकी मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हालांकि भक्तों को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना पड़ेगा और बगैर मास्क के मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
बाबा को जल चढ़ा कर सुखद अनुभूति हुई
नियमित दर्शनार्थी रवींद्रपुरी निवासी काशीनाथ सिंह बाबा ने रविवार को दर्शन-पूजन के बाद कहा कि झांकी दर्शन से मन को संतुष्टि नहीं मिल पा रहीं थी। आज कई दिनों बाद बाबा को जल चढ़ाने के बाद असीम सुख मिला है। अब यह सिलसिला न बंद हो बाबा से यही प्रार्थना है।
शकरकंद गली से आई सुमित्रा पांडेय ने कहा कि हम तो जब बाबा दरबार बंद था तब भी मंदिर के बाहर आकर ही भोलेनाथ को प्रणाम कर लेते थे। आज से जल अर्पित करने की छूट मिली तो इतनी खुशी मिली कि उसे बता नहीं सकते हैं।