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खत्म हुई लिक्विड आक्सीजन, फैक्ट्री के बाहर लंगी लंबी कतार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में आरके ऑक्सीजन फैक्ट्री में शुक्रवार की सुबह उत्पादन ठप होने के से शहर भर में हाहाकार मच गया है। ऑक्सीजन के लिए लोग फैक्ट्री के चक्कर लगाने लगे। करीब 6 घंटे तक ठप रहे ऑक्सीजनउत्पादन से अस्पतालों से लेकर होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों के सामने सांसों की किल्लत खड़ी हो गई। बताया जाता है कि ऑक्सीजन लिक्विड खत्म होने की वजह से अचानक उत्पादन ठप हो गया। हालांकि सुबह 4 बजे खत्म हुई ऑक्सीजन लिक्विड के बाद करीब 9 बजे एक टैंकर लिक्विड लेकर पहुंच गया। इसके दो घंटे बाद करीब 11 बजे पुन: फैैक्ट्री में ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हुआ, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।

वहीं, फैक्ट्री संचालक का कहना है कि लिक्विड ऑक्सीजन खत्म होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई। जबकि जिला प्रशासन के मुताबिक कुछ घंटों में ही लिक्विड ऑक्सीजन टैंकर आ गई। जिससे कि कोई खास समस्या नहीं हुई। हालांकि इस बीच यहां दूसरी मोदी ऑक्सीजन फैक्ट्री में इस दौरान उत्पादन चालू रहा। वहीं, इस दौरान सिलिंडर रिफिल कराने वालों की आरके ऑक्सीजन फैक्ट्री के सामने लंबी कतार लग गई।

तीन में सिर्फ दो फैक्ट्रियों में हो रहा उत्पादन, एक हुआ ठप
जहां एक तरफ कोरोना बीमारी के कारण ऑक्सीजन सिलिंडर की मांग बढ़ती जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ लिक्विड ऑक्सीजन के टैंकर नहीं पहुंचने की वजह से गीडा की तीन ऑक्सीजन फैक्ट्रियों में एक पर ऑक्सिजन रिफिलिंग का काम शुक्रवार की सुबह से ही ठप हो गया। जबकि एक अन्य अन्नपूर्णा ऑक्सीजन फैक्ट्री में अब तक उत्पादन शुरू ही नहीं हुआ है। ऐसे में केवल एक फैक्ट्री में ही ऑक्सीजन उत्पादन का कार्य जारी है।

अस्पताल में भर्ती मरीजों पर पड़ने लगा असर
गौरतलब है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई आरके ऑक्सीजन फैक्ट्री से ही होती है। ऐसे में शुक्रवार की सुबह करीब 6 घंटे तक यहां उत्पादन ठप हो जाने से इसका सीधा असर अस्पताल में भर्ती मरीजों पर पड़ने लगा। मरीजों के तीमारदार ऑक्सीजनके लिए फैक्ट्री पहुंच गए और फैक्ट्री संचालकों से ऑक्सीजन के लिए गुहार लगाते रहे।

​​​​​​​‘ऑक्सिजन के टैंकर पहुंच चुके’
एसडीएम सहजनवा सुरेश राय ने बताया कि गीडा स्थित आरके ऑक्सिजन फैक्ट्री में लिक्विड ऑक्सिजन की कमी से करीब 6—7 घंटे उत्पादन बंद था, लेकिन सुबह करीब 9 ऑक्सिजन के टैंकर पहुंच गया। अब कोई दिक्कत नहीं होगी। ऑक्सिजन उत्पादन और आपूर्ति सुचारु रूप से जारी रहेगी।

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