गोंडा। जिले में रविवार सुबह भीषण सड़क हादसा हो गया। सरयू पुल के पास दिल्ली से बिहार जा रहे मजदूरों से भरी बस एक खड़े हुए ट्रक से टकरा गई। जिसमें दो यात्रियों की मौत हो गई। जबकि 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां हालत गंभीर होने पर उन्हें अयोध्या रेफर किया है।
घायलों के अयोध्या रेफर किया गया
हादसे में बिहार के चेहरा कला वैशाली निवासी ममन कुमार (35) और बस्ती के खोड़रा कुंवर निवासी श्याम नारायन सिंह (40) की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि जितेश कुमार (17) निवासी मकडी, दिनेश पासवान (60) निवासी बेलमाहन, रामदेव राम (33) वर्ष निवासी सुन्दरपुर, मन्टू यादव (40) निवासी किशनगंज, मो. निषाद निवासी जमालपुर, मो. नूर पुत्र निवासी जय कालोनी, देलही (52), राजू मण्डल निवासी तेनहज, मनोज कुमार (37) निवासी बलुहा, फुली पासवान (60) निवासी कोपा मुन्नी (35) निवासी सुन्दरपुर, कमलेश यादव (22) वर्ष निवासी साननपट्टी आदि घायल हो गए हैं। घटना के बाद बस चालक मौके से फरार हो गया। वहीं क्षेत्राधिकारी तरबगंज संसार सिंह राठी ने बताया कि बस एक खड़े ट्रक ने टकरा गई। दो लोगों की मौत हो गई है। 12 अन्य लोग घायल हो गए हैं। जिन्हें इलाज के लिए अयोध्या के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नींद में थे यात्री, पुलिस ने घायलों को बाहर निकाला
हादसे में घायल चश्मदीद मजदूर ज्योतिष यादव ने बताया कि बस में करीब 120 लोग सवार थे और अचानक बस का ब्रेक फेल होने जैसी स्थिति हो गई और बस ट्रक से टकरा गई, जिसके कारण बस में सवार लोग घायल हो गए। जिस समय घटना हुई उस समय सुबह का माहौल था और ज्यादातर यात्री नींद में थे। अचानक हुए हादसे से हड़कंप मच गया। किसी तरह आसपास मौजूद लोगों ने पुलिस को खबर दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को दुर्घटनाग्रस्त वाहन से किसी तरह बाहर निकाला।
राहत और बचाव कार्य में आई दिक्कत
हादसे के समय बरसात भी हो रही थी, जिसके कारण राहत और बचाव कार्य में काफी दिक्कत सामने आई। घायलों में ज्यादातर युवक हैं। घटना के बाद तत्काल पुलिस ने घायलों के परिजनों को सूचना देने की कार्रवाई शुरू कर दी है। सभी मजदूर बिहार के रहने वाले हैं और दिल्ली से वापस बिहार जा रहे थे। हादसा अयोध्या गोंडा सीमा पर सरयू पुल के उत्तरी छोर पर हुआ है।
बाराबंकी हादसे के बाद भी नहीं लिया सबक
बाराबंकी में हुए हादसे से कोई सबक दिल्ली और यूपी सरकार ने नहीं लिया है। दिल्ली से लगातार मजदूरों को बसों में भरकर भेजने का काम जारी है. अधिक पैसा कमाने के लालच में जिन बसों में 60 से 65 यात्रियों के बैठने की जगह होती है। उन बसों में सौ से सवा सौ यात्रियों को जबरदस्ती भर दिया जाता है। नतीजा यह होता है कि अक्सर बसें खराब हो जाती हैं या उनके ब्रेक फेल हो जाते हैं।