लखनऊ। जिले के बालू अड्डे क्षेत्र की दूषित जल समस्या दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। इसपर सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नाराजगी जताई है। टीम 9 की बैठक में उन्होंने कहा कि दूषित जल के सेवन से बीमार हुए लोगों के स्वास्थ्य की समुचित देखभाल की जाए। यह सुखद है कि 36 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं। सीएम ने आदेश दिए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में कहीं भी इस घटना का दोहराव न हो। बता दें, तीन कैबिनेट मंत्रियों, कमिश्नर, डीएम, नगर आयुक्त और मेयर के लगातार इंस्पेक्शन के बाद भी हालत में सुधार नहीं आ सका है।
गंदे पानी की सप्लाई अभी भी जारी, खरीदकर पी रहे पानी
इलाके के निवासी सलमान का कहना है कि इलाके में अभी भी साफ पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है। रविवार शाम तक यहां गंदे पानी की सप्लाई हुई है। जलकल की टीम अभी भी ब्लीचिंग पाउडर डालकर पानी साफ कर रही है। इसकी वजह से इलाके के लोग अभी भी पानी पीने से कतरा रहे हैं। यही वजह है कि इलाके के ज्यादातर लोगों ने पीने के लिए पानी खरीदना शुरू कर दिया है।
आपदा में अवसर तलाश रहे लोग, 40 रुपए में बिकने वाली बोतल 50 की मिलने लगी
पहले 40 रुपए में 20 लीटर पीने के पानी की बोतल मिल रही थी। साफ पानी की डिमांड की वजह से अब सप्लाई वालों ने उसकी कीमत 50 रुपए कर दी है। पिछले करीब 10 दिन से पानी की बोतलों के रेट बढ़ा दिए गए हैं। स्थानीय निवासी मनीष बताते हैं कि लोगों ने आपदा में अवसर तलाशना शुरू कर दिया है।
500 परिवारों पर मंडरा रहा डायरिया का खतरा, अब तक 2 की मौत
जानकारों का कहना है कि सप्लाई का पानी और सीपर लाइन कहीं एक साथ संपर्क में आ गए हैं। इसकी वजह से बदबूदार सीवर युक्त पानी घरों में आ रहा है। वहीं, इलाके के 500 परिवारों पर डायरिया का खतरा मंडरा रहा है। उधर, अब तक 2 की मौत हो चुकी है। जिसमें दो बच्चे 11 महीने की हमजा व विशाल राजभर (16 ) शामिल है। 50 लोग अस्पताल में भर्ती बताए गए हैं।
मुआवजे को लेकर भी कुछ नहीं किया गया
दोनों मृतक के परिवार वालों ने मुआवजे की मांग की थी। जिसके बाद जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने भी आश्वासन दिया था। मगर एक सप्ताह बाद भी मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। स्थिति यह है कि दोनों परिवार पहले की तरह गंदे पानी की सप्लाई से परेशान है।
नहीं दर्ज हुआ किसी पर मुकदमा
स्थानीय लोगों का कहना है कि मामले में अभी तक किसी पर मुकदमा तक दर्ज नहीं हुआ। यहां तक की रिपार्ट आ गई कि मौत डायरिया से नहीं हुई है। हालांकि, लगातार लोग बीमार होकर अस्पताल जाते रहे और गंदे पानी की सप्लाई बरकरार रही। इसको लेकर किसी ने जवाब नहीं दिया। स्थानीय लोग जेई, एक्सईएन और जीएम पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग कर रहे थे, मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
यह कर चुके हैं इंस्पेक्शन
- नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन
- कैबिनेट मंत्री लखनऊ प्रभारी सुरेश खन्ना
- स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक
- मेयर संयुक्ता भाटिया
- कमिश्नर रंजन कुमार
- डीएम अभिषेक प्रकाश
- एमडी जल निगम अनिल कुमार
- नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी