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यंत्रों से युक्त विज्ञान है ज्योतिष शास्त्र : प्रो राजाराम शुक्ल

मुरारी लाल शर्मा की स्मृति में यन्त्रालय का भव्यलोकार्पण

 

वाराणसी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी के द्वारा आचार्य पंडित मुरारी लाल शर्मा जी की स्मृति में यन्त्रालय का भव्यलोकार्पण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम की अध्यक्षता में आज किया गया।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि डॉक्टर हेमलता एस मोहन भारतीय अध्यक्ष संस्कृति प्रशिक्षण केंद्र नई दिल्ली भी उपस्थित रहीं । सारस्वत अतिथि के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भूतपूर्व ज्योतिष विभागाध्यक्ष एवं राष्ट्रपति सम्मानित आचार्य प्रोफेसर राम चंद्र पांडेय जी की गरिमामयी उपस्थिति रही ,साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ़ेसर उमाशंकर शुक्ल जी एवं पंचांग विभाग के पूर्व वरिष्ठ संपादक डॉ रविशंकर भार्गव जी भी उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर राजाराम शुक्ल जी ने ज्योतिष विभाग के वैशिष्ट्य एवं यंत्रों के प्रयोग पद्धति का निर्माण करने हेतु ज्योतिष विभाग को शुभकामनाएं दी। इसी क्रम में वरिष्ठ पंचांग संपादक डॉ रवि शंकर भार्गव जी ने पंचांगों का वेधयंत्रों से सत्यापन करने की बात कही।इसके अनंतर विशिष्ट अतिथि ज्योतिष विभाग संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष आचार्य उमाशंकर शुक्ल जी ने मुरारी लाल शर्मा जी की जीवन संस्मरण एवं उनके व्यक्तित्व कृतित्व तथा वैदुष्य का परिचय कराया तथा साथ ही यंत्रों के वैशिष्ट्य एवं उनके आगमन की रोचक यात्रा का संस्मरण भी सभा के सामने रखा । इस क्रम में उन्होंने बताया कि 40 वर्ष पूर्व हुई भारत सरकार के द्वारा विश्वविद्यालय को यह यंत्र प्रदान किए गए थे परंतु अत्यंत कठिनाई से यह यंत्र विश्वविद्यालय तक पहुंचे ।

इस क्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व ज्योतिष विभागाध्यक्ष राम चंद्रपांडेय जी ने बताया कि आचार्य मुरारी लाल शर्मा अपने समय के एकमात्र प्राचीन एवं अर्वाचीन दोनों विधाओं के खगोलविद् रहे ।उनकी स्मृति में इस आधुनिक यंत्रालय का लोकार्पण निश्चित ही अनुसंधाताओं के लिए लाभप्रद रहेगा। इसी क्रम में मुख्य अतिथि डॉक्टर हेमलता एस मोहन ने अपने पिता मुरारी लाल शर्मा जी के विराट व्यक्तित्व कृतित्व एवं उनकी दृढ़ संकल्पनाओं की चर्चा करते हुए इन यंत्रों का विशेष महत्व प्रतिपादित किया । साथ ही मुरारी लाल शर्मा जी के संस्मरण का विवरण दिया। प्रतिवर्ष आचार्य मुरारी लाल शर्मा की स्मृति में व्याख्यानमाला का आयोजन करने हेतु विश्वविद्यालय निधि में डेढ़ लाख रुपए की धनराशि का भी समर्पण मुरारि लाल शर्मा के परिवार के द्वारा प्रदान किया गया ।अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो शुक्ल ने बताया कि ज्योतिषशास्त्र को लोकोपकारी शास्त्र बताया एवं इस परंपरा के संरक्षण हेतु विभाग को शुभकामनाएं दी, साथ ही समस्त छात्र अनुसंधानता एवं अध्यापकों को भी बधाई दी।
कुलपति प्रो राजाराम शुक्ल ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र यंत्रों से युक्त विज्ञान है इसके माध्यम से ग्रह,नक्षत्रो के ऊपर अनुसंधान और प्रायोग सफलता पूर्वक होता है।
इस अवसर पर विभागीय आचार्य डॉक्टर राजा पाठक जी के द्वारा वेधशाला पर निर्मित लघु वृत्तचित्र का भी लोकार्पण किया गया ।कार्यक्रम का संचालन करते हुए ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अमित कुमार शुक्ल जी ने 40 वर्षों से भी अधिक समय से बंद पड़े यंत्रों की उपयोगिता एवं उनकी स्थिति से परिचय कराते हुए यह बताया कि प्राय सभी यंत्र आज भी क्रियाशील अवस्था में विद्यमान है, साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी अनुसंधाताओं एवं अन्य अन्य जिज्ञासुओं के लिए भी इस यंत्रालय का विशेष विशेष महत्व प्रतिपादित किया। कार्यक्रम का प्रारंभ वैदिक एवं पौराणिकक मंगलाचरण द्वारा किया गया। अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र , माल्यार्पण एवं फल प्रदान पूर्वक वेद वेदांगसंकाय प्रमुख आचार्य महेंद्र पांडेय जी द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विविध विभागों के आचार्य छात्र अनुसंधान कर्मचारी एवं नगर के प्रतिष्ठित गणमान्य की उपस्थिति रही विशेषकर शर्मा जी के परिवार के प्रायः सभी विशेष सदस्य उपस्थित रहे।

धन्यवाद ज्ञापन विभागीय अध्यापक डॉक्टर मधुसूदन मिश्र द्वारा किया गया तथा शांतिपाठ के द्वारा कार्यक्रम पूर्ण हुआ। स्वागत भाषण करते हुये डॉ राजा पाठक ने कहा कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधि में निश्चित ही इस यंत्रालय का एक विशेष महत्व है बता दें कि विश्वविद्यालय में प्रस्तर वेधशाला 1993 से ही निर्मित है परंतु यह आधुनिक वेधशाला प्राचीन एवं अर्वाचीन खगोलीय गणना पद्धति को निश्चित ही गति प्रदान करेगी। मुरारि लाल स्मृति यंत्रशाला 4 इंच एवं 8 इंच के दो दूरवीक्षक यंत्र, यंत्र राज दूरदर्शन यंत्र टेलिस्कोप सेलीस्टियल ग्लोब समेत 25 से अधिक यंत्रों का लोकार्पण किया गया।

।इस अवसर पर दर्शन संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर सुधाकर मिश्र ,प्रोफ़ेसर हरिप्रसाद अधिकारी , प्रोफेसर कमलाकांत मिश्र, डॉ विजय पांडेय, डॉक्टर शरद नागर, डॉक्टर कुंज बिहारी द्विवेदी, डॉक्टर सत्येंद्र यादव, डॉक्टर विजय कुमार शर्मा, डॉक्टर विजेंद्र आर्य, डॉक्टर दिव्य चेतन ब्रह्मचारी डॉक्टर गोपाल कारखेडकर, डॉक्टर माधवेंद्र पांडेय सहित अनेकानेक आचार्य उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के संपत्ति अधिकारी श्री नवीन शर्मा एवं विश्वविद्यालय के कर्मचारियों एवं मीडिया कर्मियों सहित लगभग शताधिक से अधिक लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित रहें।

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