वाराणसी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ वित्तविहीन शिक्षक लाल बिहारी यादव ने वाराणसी के सर्किट हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार शिक्षक विरोधी है। 22 फरवरी को सदन में जो बजट आया है, उसमें वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि हमारे द्वारा सदन में प्रदेश के 21000 वित्तविहीन विद्यालयों में मैं कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की समस्याओं को मजबूती से उठाया इसके बावजूद भी सरकार द्वारा शिक्षकों पर ध्यान नहीं दिया गया।
शिक्षकों के सामने अपनी सरकार बनाने के अलावा अब कोई रास्ता नहीं बचा है। मैंने सड़क पर 17 वर्ष संघर्ष किया और सदन में भी संघर्ष कर रहा हूं शिक्षकों के सामने अब एक ही विकल्प बचा है कि वह जाति, बिरादरी, धर्म, मजहब, पार्टी, पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर अपने मानदेय के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर ही मानदेय लेना संभव होगा।
लाल बिहारी यादव ने बताया कि पुरानी पेंशन तथा मदरसों के आधुनिक शिक्षकों के रुके हुए मानदेय पर भी सवाल उठाया है इस पर भी सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है उन्होंने बताया कि सपा को 2022 में चुनाव जिताया जाय शायद उनकी मांगे पूरी हो जाएंगी बीजेपी सरकार लगातार शिक्षकों पर वित्तविहीन शिक्षकों पर अत्याचार करने में लगी है और वित्तविहीन शिक्षक अब सड़क पर आ गए हैं।