वाराण्सी। कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम होने के बाद स्थिति एक बार फिर सामान्य हो रही है। वाराणसी में 71 दिन बाद बुधवार को बीएचयू अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर की ओपीडी की सेवा फिर शुरू हो गई। वहीं, 3 महीने से सूनी पड़ी दीवानी कचहरी भी अधिवक्ताओं और वादकारियों से गुलजार नजर आई। लोगों का कहना था कि ऊपर वाले से प्रार्थना है कि अब सब कुछ ऐसा ही रहे और फिर लॉकडाउन की स्थिति न आए।
ओपीडी खुलने से पहले ही जुट गई थी भीड़
13 अप्रैल से बंद बीएचयू अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर की ओपीडी खुलने से पहले ही वाराणसी और आसपास के जिलों के मरीज आ गए थे। सुबह नौ बजे से शुरू हुई ओपीडी में थर्मल स्कैनिंग के बाद मरीजों और उनके तीमारदारों को प्रवेश मिला। इस बीच पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लोगों से कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की जाती रही।
बीएचयू अस्पताल के एमएस प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि मरीजों को समझाया जा रहा है कि भर्ती होने के लिए 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। ओपीडी सेवा शुरू होने के साथ ही टेलीमेडिसिन के माध्यम से भी मरीजों को परामर्श देने की सुविधा पूर्व की भांति जारी है। ओपीडी के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से बुकिंग की सुविधा दी गई है। निर्धारित यही किया गया है कि फिलहाल प्रत्येक डिपार्टमेंट में 50 मरीज ही देखे जाएंगे।
अधिवक्ताओं ने जताई खुशी
मार्च महीने से ही बंद चल रही दीवानी कचहरी खुलने से अधिवक्ता बुधवार को उत्साहित नजर आए। फौजदारी के अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह प्रिंस,अंशुमान त्रिपाठी और घनश्याम पाठक सहित अन्य अधिवक्ताओं ने कहा कि पिछले साल से ही अधिवक्ता बहुत परेशान हैं।
कचहरी बंद होने से कई अधिवक्ताओं और इस पेशे से जुड़े अन्य लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। अब नियमित कामकाज होगा तो सभी की जिंदगी की गाड़ी पटरी पर आ जाएगी। इस दौरान कई अधिवक्ता ऐसे भी दिखे जो अपने साथियों को ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करने के लिए टोक रहे थे।