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मातृत्व अवकाश नहीं देने पर हाईकोर्ट पहुंची महिला

बरेली। जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) में एक महिला कर्मचारी को मातृत्व लीव नहीं देने का मामला सामने आया है। प्रसव के महज 16-17 दिन बाद ही उन्हें बहाने से ड्यूटी पर बुलाया जाने लगा। जब महिला कर्मचारी ने कहा कि उसका ऑपरेशन हुआ है। टांके भी अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए ऐसे में वह ड्यूटी पर कैसे आ सकती है। तो अधिकारियों ने उन्हें नौकरी से निकालने और करीब 250 से 300 किलोमीटर दूर ट्रांसफर करने की तैयारी करने लगे। जब महिला कर्मचारी को कहीं से भी उम्मीद नहीं दिखाई दी तो उसने हाईकोर्ट का सहारा लिया। महिला कर्मचारी ने विभागीय अधिकारियों समेत तमाम लोगों के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मगर इसके बाद भी अधिकारियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया।

पांच जनवरी को हुई थी डिलीवरी, 31 दिसम्बर तक लिया काम

दरअसल, डूडा में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) की सिटी मिशन मैनेजर मनोरमा बिष्ट करीब छह साल से कार्यरत हैं। उनका कहना है कि 5 जनवरी 2021 को उनकी सीजर के माध्यम से डिलीवरी हुई। इसके लिए उन्होंने पहले तो छह माह की मातृत्व लीव के लिए एप्लाई किया मगर उन्हें नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने सीएल के माध्यम से एक माह की छुट्टी ले ली। मगर इसके बाद भी डिलीवरी के महज 17 दिन बाद ही 22 जनवरी से उन्हें काम पर बुलाया जाने लगा। जबकि उन्होंने डिलवरी होने से महज पांच दिनों पहले तक काम किया था। जब उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन करने में असमर्थता जताई तो नौकरी से हटाने या दूर किसी दूसरे जिले में स्थानांतरित करने की तैयारी की जाने लगी।

23 मार्च को कोर्ट ने दिया आदेश, मगर उसकी भी की गई अवमानना

मनोरमा विष्ट का कहना है कि जब उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की तो कोर्ट की तरफ से 23 मार्च को नगर आयुक्त के लिए आदेशित किया गया कि महिला कर्मचारी को छह माह का वैतनिक अवकाश प्रदान करें। मगर तब से फाइल लगातार घूम रही है। अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। जब सब तरफ से मनोरमा को निराशा हाथ लगी तो वह उन्होंने कोर्ट में कंटेम्प्ट लगाया है।

अधिकारियों में मचा हुआ है हड़कंप

जब से मनोरमा में कोर्ट में कंटेम्प्ट लगाया है, तब से अधिकारियों में हडकंप मचा हुआ है। इस मामले की और गहनता से जानकारी के लिए अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह भी डूडा के पीओ शैलेंद्र भूषण से काफी देर तक जानकारी लेते रहे। कोर्ट क्या आदेश जारी करेगा यह सोचकर सभी में हडकंप मचा हुआ है।

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