गोरखपुर। बिहार और मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी व्हाइट फंगस ने दस्तक दे दी है। यहां गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में व्हाइट फंगस की तीन मरीजों की पुष्टि हुई है। अब कल्चर एंड सेंसटिविटी जांच के लिए लैब में सैंपल भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट 72 से 96 घंटे के बीच आएगी।
उधर, डॉक्टर का कहना है कि अगर समय रहते फंगस की पहचान न हुई और उसका इलाज न शुरू हुआ तो मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है। व्हाइट फंगस (कैंडिडोसिस) फेफड़ों के संक्रमण का मुख्य कारण है। यह फेफड़ों के अलावा, स्किन, नाखून, मुंह के अंदरूनी भाग, आमाशय और आंत, किडनी, गुप्तांग और ब्रेन को भी संक्रमित करता है।
नाक में पपड़ी जमी, काबू नहीं हुआ तो ऑपरेशन करेंगे
BRD मेडिकल कॉलेज के व्हाइट और ब्लैक फंगस वार्ड के नोडल प्रभारी डॉ. राम कुमार जायसवाल ने बताया कि इन तीनों मरीजों की नाक में सफेद पपड़ी जमी हुई है। अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो ऑपरेशन करना होगा। डॉ. जायसवाल के मुताबिक व्हाइट फंगस के लक्षणों में सिर में तेज दर्द, नाक बंद होना या नाक में पपड़ी सी जमना, उल्टियां, आंखें लाल होने के साथ सूजन आती है।
अगर जॉइंट पर इसका असर होता है तो जोड़ों पर तेज दर्द होता है। ब्रेन पर अगर इसका असर होता है तो व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता पर असर दिखता है। बोलने में भी समस्या होती है। इसके अलावा शरीर में छोटे-छोटे फोड़े जो सामान्य तौर पर दर्द रहित रहते हैं। ऐसे कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
तीनों मरीज कोरोना संक्रमित
डॉक्टर्स के मुताबिक, व्हाइट फंगस की चपेट में आए तीनों मरीज कोरोना संक्रमित हैं। इनका इलाज BRD मेडिकल कॉलेज में ही हो रहा है। तीनों की दवाइयां शुरू की जा चुकी हैं। उधर, गोरखपुर में कोरोना मरीजों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रविवार को यहां 204 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 700 लोग रिकवर हुए और 10 की मौत हो गई।
अब तक यहां 57 हजार 850 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 53 हजार लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 3899 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या 619 हो गई है।
मऊ के मरीज की आंखों की रोशनी चली गई
दो दिन पहले यूपी के मऊ जिले के एक मरीज की व्हाइट फंगस से आंखों की रोशनी चली गई थी। 70 साल के इस मरीज का इलाज दिल्ली में चल रहा था। ये मरीज कोरोना संक्रमित भी हुआ था। ठीक होने के बाद इसकी मौत हो गई थी।