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उद्धव का बयान- ऑक्सीजन सप्लाई में मदद के लिए PM को किया फोन

मुंबई। कोरोना के लेकर महाराष्ट्र और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उन्होंने प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने की कोशिश की थी, लेकिन वे बंगाल में चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि केंद्र ने सबसे ज्यादा ऑक्सीजन महाराष्ट्र को दी है और हम लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं।

पीयूष गोयल ने महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोलते हुए यह भी कहा कि महाराष्ट्र एक नाकाबिल और भ्रष्ट सरकार की वजह से परेशानी झेल रहा है। उन्होंने उद्धव ठाकरे को माझा राज्य-माझी जवाबदारी (मेरा राज्य-मेरी जिम्मेदारी) की भावना से काम करने की सलाह भी दी थी।

देर रात रेमडेसिविर को लेकर पॉलिटिकल ड्रामा

महाराष्ट्र में शनिवार देर रात करीब 11.30 बजे कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन पर पॉलिटिकल ड्रामा शुरू हो गया। बताया जा रहा कि मुंबई पुलिस ने एक फार्मा कंपनी के अधिकारी को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि वह BJP नेताओं को इंजेक्शन पहुंचा रहा था।

इसके बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर के साथ विलेपार्ले पुलिस स्टेशन पहुंच गए। इसके बाद वे जोन-8 के DCP मंजुनाथ शिंगे के ऑफिस पहुंचे। इसी दौरान खबर आई कि हिरासत में लिए गए शख्स को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स पुलिस स्टेशन लाया गया है। इसके बाद BJP नेता BKC पुलिस स्टेशन पहुंचने लगे।

नवाब मलिक का आरोप- केंद्र की वजह से रेमडेसिविर की कमी

इधर, उद्धव सरकार में मंत्री और NCP नेता ने रेमडेसिविर की सप्लाई को लेकर केंद्र पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा है कि केंद्र के डर से रेमडेसिविर बनाने वाली कंपनियां महाराष्ट्र में इसकी सप्लाई नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों को धमकी दी जा रही है कि अगर वे महाराष्ट्र को यह इंजेक्शन देंगे तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। यह दुखद और चौंकाने वाला है।

एक्सपोर्ट पर बैन, लेकिन देश में बेचने की इजाजत नहीं

मलिक ने कहा, ‘भारत में 16 निर्यातकों को 20 लाख रेमडेसिविर के इंजेक्शन बेचने की अनुमति नहीं है। अब जबकि केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, तो इसे देश में बेचने की अनुमति मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है। इस स्थिति में महाराष्ट्र सरकार के पास इन 16 निर्यातकों से रेमडेसिवीर के स्टॉक को जब्त करने और जरूरतमंदों को आपूर्ति करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।’

उन्होंने आगे कहा, ‘केंद्र सरकार ने कहा है कि रेमेडिसविर को केवल 7 कंपनियों के माध्यम से बेचा जाना चाहिए, जो इसका उत्पादन कर रही हैं। अब ये 7 कंपनियां भी केंद्र के दबाव में मना कर रही हैं। इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है और राज्य के सभी सरकारी हॉस्पिटल्स में इसे उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।’

गुजरात को रेमडेसिविर सप्लाई की मंजूरी देने का आरोप लगाया

नवाब मालिक ने गुजरात को रेमडेसिविर सप्लाई की मंजूरी देने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया में एक अप्रूवल लेटर शेयर किया है। लेटर के साथ मलिक ने लिखा, “यहां केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र संग किए सौतेले व्यवहार का एक और प्रमाण है। यह एक एक्सपोर्ट कंपनियों में से एक को केवल गुजरात के लिए रेमेडिसविर के स्टॉक की आपूर्ति का अप्रूवल लेटर है। क्या इस दोहरे मापदंड को समझाया जा सकता है?”

ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा डालने का भी आरोप

मालिक ने महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा डालने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए सेना को इस युद्ध जैसी स्थिति में लगाने की जरूरत थी, लेकिन प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।

मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी हो PM मोदी की तस्वीर

प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए मलिक ने कहा कि जिस तरह से PM मोदी के फोटो को टीकाकरण प्रमाणपत्र पर लगाया जाता है, हम मांग करते हैं कि पीएम की फोटो को मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी लगाया जाना चाहिए। यदि वे COVID-19 टीकाकरण का श्रेय ले रहे हैं, तो, उन्हें मौतों की जिम्मेदारी भी लेनी होगी।

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