अयोध्या। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन में घोटाले के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में ट्रस्ट ने गोपनीय रूप से बैठक की है। जिसमें ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि के साथ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय शामिल हुए। बैठक में ट्रस्टी व निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास की मौजूदगी में जमीन खरीद को लेकर लगाए जा रहे आरोपों का जवाब तैयार किया गया। बैठक में समाज में भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए कानूनी उपाय करने पर सहमति बनी है। इसके बाद मानहानि का दावा करने का निर्णय लिया गया है।
तीन दिनों के अंदर ट्रस्ट पर आरोप लगाने वालों पर होगी याचिका दायर
दरअसल, जानकीघाट स्थित वैदेही भवन में ट्रस्टियों ने गोपनीय बैठक की है। जिसमें शामिल होने के लिए मंगलवार को ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि पुणे, कर्नाटक स्थित उडुपी पीठ शंकराचार्य और ट्रस्टी स्वामी विश्वप्रसन्न तीर्थ अयोध्या पहुंचे। इनके साथ दक्षिण भारत के वास्तुकार भी रहे। बैठक में तय किया गया कि तीन दिनों के अंदर आप सांसद संजय सिंह समेत ट्रस्ट पर आरोप लगाने वाले कई लोगों पर अदालत में याचिका दायर की जाएगी। बता दें, बुधवार को ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष रामजन्मभूमि परिसर का निरीक्षण कर नींव व परकोटे (चहारदीवारी) निर्माण पर नीति तय करेंगे।
केवल पश्चिम दिशा को ही इस कार्य की शुरुआत के लिए बेहतर माना जा रहा
बताया जा रहा है कि राम मंदिर के लिए बन रही नींव में लगने वाले निर्माण सामग्री-मशीनों की आवाजाही के चलते राम मंदिर की चारों ओर दीवार अभी नहीं बन सकती। केवल पश्चिम दिशा को ही इस कार्य की शुरूआत के लिए अभी बेहतर माना जा रहा है। यह काम कब शुरू हो इस पर जल्द निर्णय लिया जा सकता है।
क्या है जमीन खरीद पर विवाद?
दरअसल, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे पवन पांडेय ने आरोप लगाए हैं कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने दो करोड़ रुपए की कीमत वाली भूमि 18.5 करोड़ रुपए में खरीदी। इसे धनशोधन का मामला बताते हुए सिंह और पांडेय ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच करवाने की मांग की है।