वाराणसी। जिले में संतोषी माता मंदिर के कब्जे के विवाद में हिंदू युवा वाहिनी के नेता को गोली मारने के आरोप में भाजपा नेता अतर सिंह और उसके भाई राजबहादुर सिंह के खिलाफ भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। स्थानीय लोगों द्वारा लाठी-डंडे से की गई पिटाई में घायल अतर सिंह और राजबहादुर बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं। उधर, गोली लगने से घायल हिंदू युवा वाहिनी के महामना मंडल के उपाध्यक्ष और मंदिर के पुजारी अभिषेक पांडेय की हालत स्थिर बताई गई है। एहतियातन बीएचयू ट्रॉमा सेंटर और खोजवां क्षेत्र में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं।
राजनीतिक संरक्षण की वजह से बढ़ता गया मन
खोजवा निवासी अभिषेक पांडेय ने बताया कि प्रदेश सरकार के एक मंत्री के करीबी होने और भाजपा में पैठ होने के कारण अतर सिंह को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। इसी वजह से बीते सवा चार साल से अतर खोजवां क्षेत्र के शक्ति नगर स्थित संतोषी माता मंदिर और उसकी बेशकीमती जमीन पर किसी न किसी तरह से काबिज होना चाहता है। अभिषेक ने बताया कि रविवार की रात राजबहादुर मंदिर आया था।
उस दौरान राजबहादुर ने अनायास ही उनसे और प्रधान पुजारी रमाकांत पाठक से गालीगलौज शुरू की। इसके बाद अतर सिंह को बुलाकर मारपीट करने लगा। मारपीट के दौरान ही अतर सिंह ने अपनी लाइसेंस पिस्टल से उन पर फायरिंग की और गोली बाएं कंधे में लगी। अतर सिंह के गोली चलाने से नाराज स्थानीय लोगों ने उसे और उसके भाई को मारपीट कर घायल कर दिया।
दोनों पक्षों को 2 अलग-अलग मंत्रियों की शह
शक्ति नगर के लोगों ने बताया कि एक पक्ष भाजपा और दूसरा पक्ष हिंदू युवा वाहिनी से जुड़ा है। इसके साथ ही दोनों पक्ष प्रदेश के 2 अलग-अलग मंत्रियों से भी जुड़े हुए हैं। इस वजह से दोनों पक्ष खुद को एक-दूसरे से कमतर नहीं आंकते हैं। हालांकि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है तब से अतर सिंह का दबदबा थोड़ा ज्यादा ही हो गया है।
अतर मंदिर के ट्रस्ट के प्रबंधन से भी जुड़ा हुआ है। उसने मंदिर परिसर में वर्षों से रह रहे लोगों को हटाया और इसके बाद अपने लोगों को जगह दिलाई। अब वह चाहता है कि मंदिर का नियंत्रण पूरी तरह से उसके हाथों में आ जाए और वह अपनी इच्छा अनुसार जो चाहे वह कर सके। इसलिए मंदिर के प्रबंधन से स्थानीय लोगों ने दूरी बना ली है।
भेजेंगे जेल, निरस्त कराएंगे लाइसेंस
एडीसीपी काशी जोन विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि अभिषेक पांडेय के पक्ष की तहरीर के आधार पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया है। अतर और उसका भाई फिलहाल पुलिस निगरानी में बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में ही भर्ती हैं। अतर के पक्ष की ओर से तहरीर नहीं मिली है। अतर के स्वस्थ होते ही उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। अतर की पिस्टल का लाइसेंस निरस्त कराने के लिए भेलूपुर थाने की पुलिस जल्द ही जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजेगी।