26 हुई थी वारदात, 26 को ही आया फैसला
हरियाणा के फरीदाबाद के बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड में शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। सरताज बसवाना की कोर्ट ने शाम करीब पौने चार बजे दोनों दोषियों तौसीफ और रेहान को उम्रकैद और 20-20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि ऐसा माना जा रहा था कि दोनों को फांसी की सजा सुनाई जाएगी। फैसले की सबसे खास बात यह रही कि वारदात पिछले साल 26 अक्टूबर को हुई थी। हत्याकांड के 151 दिन बाद 26 तारीख को ही कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
CCTV कैमरे में कैद हुई निकिता की हत्या की तस्वीर
शांति तभी , जब हत्यारों को हो फांसी
निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने कहा कि उनके परिवार को शांति तभी मिलेगी, जब हत्यारों को फांसी की सजा मिलेगी। उनका कहना है कि 5 माह का वक्त निकिता को न्याय दिलाने में गुजर गया। लोगों के कमेंट झेले, दबाव में रहे। अब भी जीवन डर-डरकर चल रहा है।
तीन माह 22 दिन तक चली सुनवाई
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर इस केस की सुनवाई तीन माह 22 दिन लगातार चली। एक दिसंबर 2020 को पहली गवाही कराई गई। इसमें घटना के चश्मदीद निकिता के चचेरे भाई तरुण तोमर और सहेली निकिता शर्मा शामिल हुए थे। पीड़ित पक्ष की ओर से 55 लोगों ने गवाही दी। इसमें परिवार के सदस्यों, कॉलेज के प्रिंसिपल समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हुए। बचाव पक्ष ने दो दिन में अपने दो गवाह पेश किए और उनके बयान दर्ज कराए।