वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए 5.43 करोड़ रुपए से उपकरण खरीदे जाएंगे। इनमें 31 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर, 47 हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर, 11 एक्स-रे बैगेज स्कैनर और 19 महिला तलाशी बूथ शामिल हैं। इस संबंध में मंडलायुक्त वाराणसी दीपक अग्रवाल की ओर से प्रदेश सरकार को चिट्ठी भेज दी गई है। माना जा रहा है कि इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश सरकार की ओर से जल्द ही पैसा जारी कर दिया जाएगा।
विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट में नहीं शामिल थे सुरक्षा उपकरण
700 करोड़ रुपये से अधिक के काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट में सुरक्षा उपकरण नहीं शामिल थे। गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ का गर्भ गृह सीआरपीएफ की निगरानी में रहता है। इसके साथ ही मंदिर के समीप स्थित ज्ञानवापी मस्जिद की निगरानी भी सीआरपीएफ के द्वारा ही की जाती है। मंदिर और मस्जिद का बाह्य सुरक्षा घेरा पुलिस और पीएसी के जवानों का है। मंदिर और मस्जिद के चप्पे-चप्पे की निगरानी के लिए 50 से ज्यादा हाई रिजल्यूशन सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है।
प्रवेश द्वार पर लगाए जाएंगे एक्स-रे बैगेज स्कैनर
मंडलायुक्त ने बताया कि डीएफएमडी और महिला तलाशी बूथ धाम के सभी प्रवेश द्वार पर लगाए जाएंगे। एक्स-रे बैगेज स्कैनर तीर्थ सुविधा केंद्र के प्रवेश द्वार पर लगाए जाएंगे। उपकरणों की संख्या कितनी और वह कैसा होगा, इस संबंध में मंदिर के संबंध में गठित हाई पॉवर सुरक्षा समिति से चर्चा के बाद निर्णय लिया गया।
90 के दशक में घोषित किया गया था अति संवेदनशील क्षेत्र
90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत के साथ ही काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर को सुरक्षा के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया था। 1992 के बाद इस परिसर की सुरक्षा के संबंध में स्थायी समिति गठित की गई थी। इस परिसर में वृद्धि हुई और आतंकवादी हमले के मामले में चुनौतियों का सामना करने के लिए सुरक्षा योजनाओं को संशोधित किया गया। परिसर में बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड और अग्निशमन केंद्र के साथ ही हाइड्रोलिक गेट भी हैं।
सुरक्षा में तैनात कर्मियों की संख्या का आंकलन किया जाएगा
इसके अलावा सुरक्षा कर्मियों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट की व्यवस्था पहले से ही है। उधर, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने कहा कि मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था स्थायी समिति के निर्देशों के अनुसार चल रही है। धाम का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सुरक्षा में तैनात कर्मियों की संख्या का आंकलन किया जाएगा। जरूरत लगेगी होगी तो सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।