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मोबाइल चोरी कर देश विरोधी गतिविधियों के लिए भेजते थे पाकिस्तान और बांग्लादेश, पुलिस ने किया खुलासा

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में मोबाइल चोरों का एक ऐसा गैंग सक्रिय था जो अपने ही देश की जड़ों को खोखला कर रहा था। चोरी के इन मोबाइल फ़ोन्स का प्रयोग देश विरोधी गतिविधियों में किया जाता था। इसका खुलासा तब हुआ जब कुछ दिन पहले मोबाइल गैंग को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा। जब जांच की गई तो धीरे-धीरे खुलासा हुआ। इसके तार विदेशों तक जुड़े हुए है और अब इस खुलासे के बाद पूरे मामले की जांच डीसीपी क्राइम को दी गई है।

कानपुर में क्राइम ब्रांच ने कुछ दिन पहले अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल चोरों को पकड़ा था, जो बांग्लादेश, नेपाल और अन्य देशों में यहां से मोबाइल चोरी करके देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के लिए बाहर भेज देते थे। इस आशंका के बाद से मामले की जांच की गई तो इस गैंग का खुलासा हुआ और गिरोह के सदस्यों को जेल भेज दिया गया। अब तक यह गैंग 10000 से ज्यादा मोबाइल चोरी कर चुका है। इस गैंग के तार अन्य देशों से भी जुड़े हुए।

DCP क्राइम को सौंपी गई जांच

अगर सूत्रों की माने तो बांग्लादेश और पाकिस्तान भी चोरी के मोबाइल पहुंचाए जाते थे और इनका प्रयोग आतंकवादी करते थे। इस खुलासे के बाद से पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने मामले की जांच डीसीपी क्राइम को दी है। डीसीपी क्राइम अन्य देशों व विदेशों की पुलिस से संपर्क करके जो भी बचे हुए साथी हैं उनको भी गिरफ्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। इस खुलासे के बाद से यह साफ हो गया है कि कानपुर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गैंग सक्रिय हैं जो भारत गतिविधियों में शामिल है। ATS इसका खुलासा पहले ही कर चुकी है। फिलहाल अब इस पूरे मामले में गोपनीय जांच शुरू हो गई है।

विदेशों में ऐसे करते थे सप्लाई

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि कानपुर की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा है जो मोबाइल चोरी कर उन्हें विदेश में भेजता था। यह गैंग चोरी के मोबीके को कूरियर नेपाल बॉर्डर पहुंचता था। जहां उसेक सहयोगी उसे रिसीव कर नेपाल में बेच देते थे। अभी तक के इस गैंग ने 5000- 10000 मोबाइल बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान में सप्लाई किया है। सुरक्षा एजेंसियों को भी इसकी जानकारी दी गई है। टीम आगे भी तफ्तीश कर रही है।

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