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माहवारी स्वच्छता दिवस-पीरियड पॉजिटिव, हैप्पी टू ब्लीड

वाराणसी। मासिक धर्म (माहवारी) स्वच्छता दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई इसके लिए मई का महीना चुनने के पीछे भी एक खास वजह है। मई वर्ष का पांचवा महीना है और महिलाएं हर महीने मासिक धर्म के दौरान औसतन 5 दिन ब्लीड करती हैं। मासिक धर्म पर शिक्षा बहुत जरूरी हिस्सा है। जब लड़कियों और महिलाओं में मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारें में जानकारी ही नहीं है। वे नुकसान जानती ही नहीं है, तो स्थिति में बदलाव की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?

जिस तरीके से हमारी संस्था 7 डेज फाउंडेशन काम कर रही है उससे महिलाओं में बदलाव तो आया है। लेकिन अभी और भी बहुत काम करने की जरूरत है। ग्रामीण महिलाओं के समूह बनाकर उन्हें जानकारी देकर हम महिलाओं में जागरूकता फैलाने का पूरा प्रयास कर रहे है,जिससे लड़कियों को कम से कम यह तो पता लगे कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है ।शर्मनाक नहीं शिक्षा से ही अंधेरा दूर होगा,सूचना से ही जागरूकता आएगी। हमारी संस्था 7days फाउंडेशन गांव में जाकर एक समूह बनाकर ग्रामीण महिलाओं को पैड्स यूज करने और सेनेटरी पैड डिस्पोज करने के तरीके भी बताती हैं। 28 दिन की अवधि तय करने के पीछे भी यही कारण था कि सम्मानित महिलाओं का पीरियड साइकिल 28 दिन का होता है। अभियान सफल होने और दुनिया के सभी कोणों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद वास यूनाइटेड ने मासिक धर्म के लिए एक वैश्विक जागरूकता दिवस मनाने का निर्णय लिया इसलिए 2014 के 28 मई से मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर मनाया जाने लगा।महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड की खोज मैरी बीट्राइस केनर ने किया था।

संस्था की सदस्य संस्कृति जी ने बताया कि किसी देश का विकास महिलाओं के विकास के समानुपाती होता है।महिलाओं की शिक्षा व स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता देश के विकास के पैमाने होते हैं। पूजा ने बताया कि हमारी संस्था महिलाएं,लड़कियों के विकास के लिए काम करती है।परिवर्तन की यह यात्रा 2 साल पहले 20 अक्टूबर को शुरू हुई थी। उसी दिशा में शहरी महिलाओं की मदद से ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए एक टीम बनाकर जागरुकता अभियान शुरू किया गया।बिंदु बताया कि महिलाओं को मासिक धर्म के बारे में शिक्षित करना और उनके मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षित करना शुरू किया ।राहुल ने बताया कि समय के साथ कुछ सोच को हमने बदला है, हमारे समाज ने कई चीजें अपनाई हैं तो कुछ चीजें छोड़ना भी पड़ेगा। हमारी संस्था के प्रयास से हमारी गांव में लोग हमसे जुड़ रहे हैं। पहले तो हमसे बात भी करना पसंद नहीं करते थे बदलाव तो आया है लेकिन अभी बहुत कुछ बदलना बाकी है। मेंट्रुअल हाइजीन को लेकर हम प्रतिदिन उन्हें जागरुक करते हैं।

रेखा जी का मानना है कि मासिक धर्म एक घटना है जो लड़कियों के लिए आदित्य है। मासिक धर्म चक्र प्रजनन चक्र का प्राकर्तिक हिस्सा है जिसमें गर्भाशय से रक्त योनि से निकलता है जी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो आमतौर पर 11 से 14 वर्ष की आयु से लड़कियों के बीच शुरू होती है उनमें से युवावस्था की शुरुआत के संकेतों में से एक है। मासिक धर्म एक ऐसी प्रक्रिया है जिस से हर एक स्त्री अपने जीवन काल भी गुजरती है। और यही उसके मातृत्व के परिचायक गुणों में प्रमुख एवं अनिवार्य है।संगीत जी ने बताया कि हमारा समाज स्त्री और पुरुष दो मजबूत व्यक्तित्व से बना है।दोनों ही वर्ग में समानता कायम करने के जिम्मेदारी स्त्री और पुरुष दोनों की है । मासिक धर्म से जुड़ी रुढ़िवादी सोच को पूरी तरह से समाप्त करने का सपना तभी साकार किया जा सकता है जब दोनों ही वर्ग रुढ़िवादी समस्या को जड़ से मिटाने की जिम्मेदारी ले।

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